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अनूठी शादी : न दहेज, न मिठाई, बिना फेरे 17 मिनिट में कबीर वाणी से बिना किसी समारोह के शादी

Banswara
अनूठी शादी : न दहेज, न मिठाई, बिना फेरे 17 मिनिट में कबीर वाणी से बिना किसी समारोह के शादी
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शहर के तिरुपति नगर में मात्र 17 मिनट में कबीर वाणी से बिना किसी समारोह के रमैणी (विवाह) करवाई गई। विवाह बिना किसी दान, दहेज, बिना किसी शोर-शराबे, बिना ढोल डीजे बाजे के, बिना प्रति भोज के और बिना दिखावे के सादगी पूर्वक संपन्न की गई। कबीरपंथी संत रामपाल महाराज के अनुयायियों ने अपने बच्चों की शादियां गुरु परंपरा के अनुसार बहुत ही सादगी पूर्ण कराई। गांव मोयावासा के पंकज बुनकर का विवाह सालिया की अंजलि बुनकर के साथ संपन्न हुआ। दोनों पक्षों से कुल 50 लोग शामिल हुए। इसमें बारातियों को सिर्फ चाय- बिस्किट का नाश्ता दिया गया। इस शादी में न मेहंदी और न ही आभूषण पहने गए। ना ही दूल्हे ने विशेष तैयारी की। दोनों परिवार के द्वारा शादी के कार्ड भी नहीं छपवाए गए और ना ही उनके परिवार से मिठाई मंगवाई गई। जिले के जिला सेवादार रमेश चंद्र मईड़ा, जिला सोशल सेवादार हरीश डिंडोर और तहसील सेवादार जितेंद्र ने बताया कि इस तरह की 17 मिनट की शादी में वर-वधू पक्ष का एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ है। दहेज मुक्त हो शादी करके बराती को विदा किया जाता है। दुल्हन और दूल्हा साधारण कपड़ों में बिना मोर मुकुट के बिना फेरे के एक हो गए। संत रामपाल महाराज के सत्संग प्रवचन से प्रभावित होकर हजारों लोग इस तरह की शादियां कर फिजूलखर्ची पर लगाम लगा चुके हैं और सभी तरह की सामाजिक कुरीतियों जैसे -मृत्युभोज, नशाखोरी, रिश्वतखोरी, भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, दापा प्रथा, जाति प्रथा आदि से दूर हो चुके हैं। रमेश चंद्र ने बताया कि इस शादी की तरह और लोगों को भी अनुसरण करना चाहिए ताकि गरीब परिवार को भी आर्थिक बोझ नहीं हो। इसके लिए भी समाज के लोगों को आगे आना चाहिए। दूल्हा-दूल्हन भी यही चाहते थे कि उनकी शादी बिलकुल सादगी के साथ हो।

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