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ज्यादा वैट से राज्य सरकार को भी नुकसान:पेट्राेल: नवंबर 2020 में ‌~87.80, नवंबर 2021 में ~113.05डीजल: नवंबर 2020 में ~78.86, नवंबर 2021 में ~97.51

Banswara
ज्यादा वैट से राज्य सरकार को भी नुकसान:पेट्राेल: नवंबर 2020 में ‌~87.80, नवंबर 2021 में ~113.05डीजल: नवंबर 2020 में ~78.86, नवंबर 2021 में ~97.51
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    पेट्राेल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर केंद्र सरकार वैट कटौती के बाद प्रदेश में पेट्रोल के दाम 6.35 रु और डीजल 12.66रु प्रति लीटर तक घट गए है। इससे केंद्र सरकार लाेगाें के लिए बड़ी राहत मान रही है। लेकिन असल में यह राहत महज 30 दिन में बढ़ी कीमतों पर ही मिली है। क्याेंकि, वैट में कटौती के बाद भी पेट्रोल और डीजल के दामों में जाे गिरावट आई है उतनी दर अक्टूबर में ही बढा दी थी।

    मतलब, अक्टूबर में 38 से 40 पैसे हर दिन बढ़ रहे थे। जिससे एक ही महीने में पेट्रोल और डीजल के दाम मौजूदा कम की गई दर से भी ज्यादा बढ़ गए थे। पेट्राेल-डीजल के तेजी से बढ़ते और घटती दराें पर दैनिक भास्कर ने पूरे एक साल का विश्लेषण किया ताे सामने आया कि वैट में कटौती के बावजूद पिछले साल नवंबर की तुलना में पेट्रोल 25.25रु और डीजल 18.65रु प्रति लीटर अब भी महंगा है।

    नवंबर, 2020 में पेट्रोल की कीमत 87.80 और डीजल 78.86 रुपए प्रति लीटर था। लेकिन एक साल में ही पेट्रोल के दाम 25.25रु और डीजल 18.65रु प्रति लीटर तक बढ़कर 100रु प्रति लीटर पार हाे गए। लगातार तेल की कीमतें बढ़ने का असर बाजार भी दिखने लगा। लाेगाें में आक्रोश भी बढ़ा। आखिर केंद्र सरकार ने बुधवार काे वैट में कटौती कर दी। लेकिन इसे पिछले साल की मौजूदा महीने की दराें से तुलना के ताे वैट में कटौती के बावजूद पेट्रोल और डीजल में ज्यादा राहत नहीं मिली है। इसी के चलते 25 राज्यों ने वैट में कटौती कर दी है। ऐसे में राजस्थान में वैट कटौती का इंतजार है।

    केंद्र के बाद 25 राज्यों ने भी वैट घटाया, अब राज्य सरकार वैट में कटौती करे तो मिल सकती है राहत

    अवैध बिक्री की आशंका : गुजरात ही नहीं एमपी में पेट्रोल 5.74 और डीजल 6.56 रुपए सस्ता

    केंद्र सरकार के वैट कम करने के फैसले के बाद 25 राज्यों ने भी अपने तरफ से तेल पर लगने वाले वैट में कमी कर दी है। पड़ाैसी गुजरात और मध्यप्रदेश ने भी केंद्र के अलावा वैट कर कम दिया है। जिसके चलते अब बांसवाड़ा और गुजरात, एमपी में पेट्राेल-डीजल की दराें में काफी अंतर आ चुका है।

    बांसवाड़ा के मुकाबले गुजरात में पेट्रोल 16.96 रुपए, डीजल 7.45 रुपए और मध्यप्रदेश में पेट्रोल 5.74 रुपए, डीजल 6.56 रुपए सस्ता है। जिससे ज्यादातर वाहन मालिक बांसवाड़ा की बजाय एमपी और गुजरात सीमा से सटे पेट्रोल पंपों पर ही फीलिंग करवा रहे है। इससे जिले में तेल की अवैध बिक्री की आशंका भी बढ़ गई है।

    तेल बांसवाड़ा गुजरात (दहोद) एमपी (रतलाम) पेट्रोल 112.78 95.82 107.04 डीजल 97.26 89.81 90.70

    असर : सब्जियों के बढ़े दाम, टमाटर 50रु और शिमला मिर्च 150 रु. किलाे हुई : सर्दी का सीजन नजदीक आते ही अमूमन स्थानीय बाजार सब्जियाें की आवक बढ़ जाती है। जिससे इनके दामाें में भी गिरावट आ जाती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। सब्जी विक्रेता इसके पीछे पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमताें काे वजह बता रहे है।

    सब्जी विक्रेता हिमांशू ने बताया कि इस बार बारिश लेट हुई और इसके बाद डीजल के दाम लगातार बढ़े, जिससे 10 फीसदी भाड़ा बढ़ गया और इसका सीधा असर सब्जियाें के दामाें पर हुआ। 15 से 20 रुपए किलाे बिकने वाले टमाटर अब 50 रुपए किलाे बिक रहे है। वहीं फूल गाेभी के भाव भी 50 रुपए किलाे तक हाे चुके है। शिमला मिर्च में सबसे ज्यादा 50 रुपए बढ़कर 150 रुपए प्रतिकिलाे हाे चुकी है।

    पेट्राेल पंप बंद हाेने को, हड़ताल काे मजबूर: अध्यक्ष, पेट्रोल पंप एसोसिएशन

    तेल की बढ़ी कीमताें से जिले में 50% तक इसकी बिक्री घट चुकी है। हालत यह है कि कई पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर है। गुजरात-एमपी में सस्ता तेल हाेने से वाहन मालिक वहां फिलिंग करवा रहे है। गुजरात से यहां से अवैध तरीके से तेल बिक रहा है। राज्य सरकार अगर राहत नहीं देती है, तो एसोसिएशन को मजबूरन हड़ताल पर उतरना पड़ेगा। राज्य सरकार से आग्रह है कि वह भी वैट में कमी करके राहत दिलाए। -वर्धमान गा‌ंधी, अध्यक्ष, जिला पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन

    25 राज्यों ने कम कर दिए तो गहलाेत सरकार क्याें नहीं कर रही: भाजपा, जिलाध्यक्ष

    केंद्र सरकार ने वैट में कटाैती की है। अन्य राज्याें ने भी वैट कम किया है। फिर गहलोत सरकार क्यों नहीं कर रही? गहलोत सरकार पहले केंद्र पर ठिकरा फोड़ रही थी। अब राज्य सरकार वेट कम नहीं कर रही। जबकि पड़ाैसी गुजरात और एमपी सरकार में भी वैट कम कर दिया। राज्य सरकार महंगाई के नाम पर केवल राजनीति कर रही है, कोई राहत नहीं दे रही है। हमारी मांग है की जल्द से जल्द राहत दी जाए। तेल की कीमत बढ़ने का कारण भी कांग्रेस है, जिन्होंने पॉलिसी ही ऐसी बनाई जिसे लाेग अब भी भुगत रहे हैं। -गोविंद सिंह राव, जिलाध्यक्ष, भाजपा

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