11वीं-12वीं के छात्रों के लिए प्रायोगिक परीक्षा देना जरूरी
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते प्रदेशभर के सरकारी व निजी स्कूल 9 माह से बंद पड़े हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की प्रायोगिक कक्षाएं भी नहीं लग पा रही हैं। हालांकि, कक्षा नौवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों के लिए अभिभावकों की सहमति से स्कूल जाना तय किया गया था, लेकिन विद्यार्थी प्रायोगिक विषय के प्रयोग अब तक लैब में नहीं कर सके हैं।
इधर, कक्षा 11वीं व 12वीं में पढ़ने वाले जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, भूगोल, चित्रकला व संगीत आदि के विद्यार्थियों के लिए प्रायोगिक परीक्षा अनिवार्य होने से परीक्षा का डर सता रहा है। सप्ताह में एक दिन लैब में प्रायोगिक कार्य करने का अवसर दिया जाएगा। संस्था प्रधान किसी भी एक समय प्रयोगशाला की क्षमता से आधे से कम विद्यार्थियों को बुलाकर प्रायोगिक कार्य करवाएंगे।
दो घंटे में विद्यार्थियों को करवाने होंगे दस प्रेक्टिकल: जानकारी के अनुसार विद्यार्थियों को प्रायोगिक कार्य करवाने के लिए दो घंटे का समय दिया जाएगा। संस्था प्रधान को तय करना होगा कि विषय निर्धारित पाठ्यक्रम में से दस प्रयोग करवाए जाएं। विद्यार्थी इनकी एक पुस्तिका बनाएंगे।