बस्सीआड़ा में एसडीएम ने वैक्सीनेशन के लिए ग्रामीणों से की समझाइश
मीण क्षेत्रों में लोग टीकाकरण को लेकर कई तरह की गलत भ्रांतियां लेकर बैठे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग कोरोना से बचाव के लिए जरूरी टीका नहीं लगवा रहे हैं जिसके चलते टीकाकरण का लक्ष्य कम हो रहा है। जब स्वास्थ्य कर्मी उनके घर टीका लगाने के लिए जाते हैं तब लोग अपने घरों के दरवाजे तक बंद कर देते हैं। इसे देखते हुए बुधवार को घाटोल उपखंड अधिकारी विजयेश पंड्या ने पहल करते हुए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के साथ रूबरू होते हुए उन्हें समझाया गया कि कोरोना से उन्हें कोई बचा सकता है तो वह एकमात्र टीका है जो उनके लिए संजीवनी का काम करेगा। उपखंड अधिकारी पंड्या बुधवार को बस्सी आड़ा क्षेत्र में विभिन्न इलाकों में गए तथा लोगों के साथ समझाइश की। एसडीएम ने चारपाई पर बैठकर बुजुर्ग लोगों से बात भी की तथा उन्हें यह भरोसा दिलाया कि टीका उनके लिए कोई नुकसान नहीं करेगा बल्कि टीके से उन्हें कोरोना से लड़ने की ताकत मिलेगी। उपखंड अधिकारी के दौरे से पहले कई दिनों से टीकाकरण की रफ्तार धीमी थी लेकिन बुधवार को एसडीएम की समझाइश पर बस्सी आड़ा में 52 लोगों को टीका लगाया गया। दरअसल बस्सी आड़ा में अप्रैल माह में एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई थी जिसके बाद लोगों में यह डर फैल गया था कि टीका लगने के बाद बुजुर्ग की मौत हुई है। हालांकि टीका लगने से बुजुर्ग की मौत नहीं हुई थी तथा उसकी मौत के कुछ और कारण थे लेकिन फिर भी यह बात लोगों के दिमाग में घर बना गई थी कि टीका लगने से नुकसान होता है तथा इससे मौत हो जाती है। 10 अप्रैल को हालात यह थे कि बुजुर्ग की मौत के बाद यहां पर टीकाकरण किया गया जिसमें एक भी ग्रामीण टीका लगवाने के लिए तैयार नहीं हुआ। जबकि इससे पहले 7 अप्रैल को इसी बस्सी आड़ा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 315 लोगों ने टीकाकरण करवाया था।