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1 KM दूर से बकरियां खुद ही पहुंची घर: पशुपालक की बिजली गिरने से मौत, बारिश से बचने को पेड़ के नीचे ली थी शरण

Banswara
1 KM दूर से बकरियां खुद ही पहुंची घर: पशुपालक की बिजली गिरने से मौत, बारिश से बचने को पेड़ के नीचे ली थी शरण
@HelloBanswara - Banswara -

बिजली गिरने से एक किसान की मौत हो गई। किसान घर से एक किलोमीटर दूर बकरियां चराने गया था। बारिश से बचने के लिए वह पेड़ के नीचे जाकर खड़ा हो गया। तभी एकदम से बिजली गिरी। घटना के बाद वहां चर रही बकरियां शाम के समय घर पहुंच गईं, लेकिन मालिक नहीं पहुंचा। तब घर वालों ने किसान की तलाश की तो बबूल के पेड़ के नीचे किसान का शव मिला। यहां पेड़ भी बिजली की चपेट में आकर बिखर गया। बाद में परिवार किसान को लेकर अस्पताल पहुंचा, जहां डॉक्टर ने किसान को मृत घोषित किया। घटना गुरुवार शाम की थी। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने परिवार को शव सौंपा। मामला मोटागांव थाने का है।

मोर्चरी के बाहर शोकजदा परिवार।
मोर्चरी के बाहर शोकजदा परिवार।

जांच अधिकारी HC राजमल ने बताया कि अमर सिंह का गढ़ा निवासी मोगा (42) पुत्र भैरा बरगोट गुरुवार दोपहर करीब एक बजे बकरियां चराने गया था। तभी करीब तीन बजे वहां पर बारिश शुरू हो गई। खुद को बारिश से बचाने के लिए मोगा ने बबूल के पेड़ का सहारा लिया। इस बीच करीब तीन बजे वहां धमाके के साथ बिजली गिरी। शाम को बकरियां घर पहुंचीं और मालिक नहीं पहुंचा। इस पर परिवार किसान को ढूंढने निकला। तब घटना की जानकारी मिली।

बिजली गिरने पर बरती जाने वाली सावधानी

1. जहां हैं, वहीं रहें। हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें।

2. दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें। सिर को जमीन से सटने न दें। जमीन पर कभी न लेटें।

3. बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें, तार वाले टेलीफोन का इस्तेमाल न करें। खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें।

4. पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों। समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं।

5. घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें।

इसलिए गिरती है बिजली

आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज है। ऐसा तब होता है, जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं। भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं। जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है। अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है। आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है। बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है। बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है।

ऊंची चीजों पर ही गिरती है बिजली

बादल में जब बिजली बन रही होती है, तब जमीन पर मौजूद चीजों का इलेक्ट्रिक चार्ज बदलता है। जमीन का उपरी हिस्सा पॉजिटिव चार्ज हो जाता है और निचला हिस्सा निगेटिव चार्ज रहता है। मीनार, ऊंचे पेड़, घर या इंसान जब पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं तब उससे पॉजिटिव इलेक्ट्रिसिटी निकलकर ऊपर की ओर जाती है। इसे स्ट्रीमर कहते हैं।

बादल के निचले हिस्से में मौजूद निगेटिव चार्ज स्ट्रीमर की ओर आकर्षित होता है, जिससे बिजली धरती पर गिरती है। यही कारण है कि ऊंची चीजों पर बिजली गिरने की संभावना अधिक रहती है। अगर आसपास कोई ऊंची चीज न हो तो बिजली इंसान या धरती पर गिरती है।

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