पहली बार 21931 स्टूडेंट को 10वीं बाद बिना स्कूल गए और परीक्षा दिए कॉलेज में एडमिशन
परीक्षा परिणाम जारी करने से पहले अंक निर्धारण कमेटी का गठन किया गया। इसमें अध्यक्ष स्कूल प्रिंसीपल, सदस्य मेें कक्षाअध्यापक और विषयाध्यापक काे शामिल किया गया था। परिणाम बच्चाें की कक्षा 10 और 11वीं के परिणामाें के आधार पर जारी किया गया। इसमें साल 2019 में कक्षा 10वीं के परिणाम का 40% यानि 40 अंक, कक्षा 11 में 20% यानि 20 अंक और कक्षा 12वीं के 20 अंक यानि 20% अंकाें के अलावा सत्रांक के 20% अंक शामिल हैं। कक्षा 12वीं में 20% अंकाें का निर्धारण स्व मूल्यांकन के आधार पर विद्यालय स्तर से ही किया गया है।
काॅमर्स
छात्र
186
छात्रा
64
परीक्षार्थी
250
परिणाम
100%
विज्ञान
परीक्षार्थी
6475
परिणाम
98.97%
छात्र
3764
छात्रा
2644
कला
परीक्षार्थी
15393
परिणाम
98.79%
शेष बच्चों का रिजल्ट रोका है।
{पास विद्याथी- 15206
{ प्रथम श्रेणी छात्र- 7209
{ प्रथम श्रेणी छात्रा- 7909
{ द्वितीय श्रेणी छात्र- 48
{ द्वितीय श्रेणी छात्रा- 40
एक्सपर्ट व्यू: इस बार रिजल्ट खुशी दे सकता है लेकिन संतुष्टि नहीं
बाेर्ड द्वारा घोषित कक्षा 12वीं बाेर्ड के परिणाम काफी चौकाने वाले हैं। बिना परीक्षा के परिणाम तैयार करना बोर्ड के लिए भी मशक्कत भरा कार्य रहा। इस वर्ष के परिणाम में विद्यार्थियों के कक्षा 10वीं व 11वीं के प्राप्तांकों व कक्षा 12वीं के सत्र पर्यन्त प्रदर्शन को निश्चित आनुपातिक रूप से जोड़ा गया है। स्कूलाें द्वारा वर्षों की तुलना में अपेक्षाकृत उदारतापूर्वक सत्रांक व प्रायोगिक अंक देने के कारण अधिकांश विद्यार्थियों का प्राप्तांक प्रतिशत उम्मीद से भी ज्यादा व अप्रत्याशित रहा है। ये विद्यार्थियों के मनोबल को बढ़ाने वाला जरूर है लेकिन उच्च माध्यमिक परीक्षा के बाद नीट, आईआईटी प्रवेश जैसी कड़ी प्रतिस्पर्धा वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में इन प्राप्तांकों का कोई विशेष महत्व नहीं होने से विद्यार्थियों को बेहद संजीदगी और गंभीरता से तैयारी व अध्ययन की जरुरत रहेगी। बाेर्ड ने फार्मूले में कक्षा 10वीं और 11वीं के अंकाें काे भी जाेड़ा है। जबकि 11वीं में अंक भी बिना परीक्षा लिए ही दिए गए थे। पिछले साल से परिणाम में लगभग 10 फीसदी का इजाफा हुआ है। जिन स्कूलों ने बच्चों के मार्क्स नहीं भेजे या फिर अन्य बोर्ड से आए विद्यार्थियों ने अपना पात्रता प्रमाण पत्र नहीं दिया, या फिर बोर्ड काे परीक्षा शुल्क नहीं मिला है, तो ही ऐसे विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम रोका गया है।
नीरज दोसी, शिक्षाविद-अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी,बागीदौरा