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कुशलबाग मैदान में ही लगानी होगी पटाखों की दुकान, उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

Banswara
कुशलबाग मैदान में ही लगानी होगी पटाखों की दुकान, उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
@HelloBanswara - Banswara -

दिवाली के त्योहार पर इस बार पटाखों की बिक्री जिला प्रशासन की ओर से निर्धारित किए गए स्थान कुशलबाग मैदान में ही करनी होगी। इसके अलावा भीड़भाड़ वाले इलाके में कहीं भी दुकान लगाकर पटाखें बेचते पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी। प्रशासन ने पिछले दाे सालाें के ढुल-मूल रवैये काे छोड़कर इस बार सख्ती का मन बनाया है। कार्यवाहक अतिरिक्त जिला कलेक्टर पर्बतसिंह चूंडावत ने बताया कि पटाखों की बिक्री के लिए आवेदन करने वाले व्यवसाइयाेंे काे इस बार पहले ही चेता दिया है कि उन्हें लाइंसेस शर्ताें की शत-प्रतिशत पालना करनी हाेगी। लाइसेंस में दर्शाए गए स्थान व नक्शे के अनुरूप कुशलबाग मैदान में ही दुकानें लगानी हाेंगी। इसमें किसी तरह की अनियमितता पाई गई ताे उनके पटाखे जब्त करने के साथ ही विस्फोटक अधिनियम 2008 के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। इस बार बांसवाड़ा शहर में पटाखों की दुकानों के लिए 92 आवेदन आए हैं, सभी जांच की प्रक्रिया में हैं। अभी तक किसी काे भी लाइसेंस जारी नहीं हुआ है।पिछले साल लगभग 90 व्यवसाइयों कुशलबाग मैदान में पटाखों की दुकानों के लिए आवेदन कर लाइसेंस लिए थे, लेकिन कुछ व्यापारियों ने ही दुकानें लगाई थी। प्रशासनिक उदासीनता के चलते बाकी सभी दुकानें नियम विरूद्ध गली-माैहल्लाें में लग गई। जाे कि विस्फोटक अधिनियम 2001 का खुला उल्लंघन था। वहीं अाम-जन की सुरक्षा के लिहाज से भी यह खतरनाक था।पिछले वर्षाें में कुछ शहराें में दिवाली पर्व पर पटाखों की दुकानों में आग लगने के बाद विस्फोट होने के मामले सामने आए हैं। इन हादसों में वहां माैजूद मालिक, कर्मचारियों सहित कुछ ग्राहकों की माैत भी हा़े गई थी। वहीं कई अन्य झुलस गए थे। गली-माैहल्लाें में लगी इन दुकानों में आग के बाद दमकल वाहन के पहुंचने सहित प्रबंधों में काफी परेशानी अाई। इसके बाद सरकार ने दाे साल पहले इस संबंध में नया कानून बना दिया गया। जिसके तहत हर शहर में प्रशासन द्वारा तय किए गए खुले ग्राउंड में ही पटाखा बाजार अनिवार्य कर दिया गया। यहां पटाखों की दुकान के लिए प्रशासन से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य था। नगर परिषद वहां सुरक्षा के लिए दमकल सहित अन्य अवाश्यक प्रबंध करता। पटाखा बाजार के अलावा कहीं भी पटाखों की बिक्री के लिए अनुमति नहीं थी।

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