पक्षियों के 15 नमूने जांच के लिए उदयपुर भेजे, वहां से जयपुर फिर भोपाल जाएंगे
पशुपालन विभाग की ओर से मुर्गों-मुर्गियों और प्रवासी पक्षियों में एवियन इन्फ्लूएंजा के एच-5 स्ट्रैन का पता लगाने के लिए आठ और नमूने शनिवार को उदयपुर रीजनल डिजिज डाइग्नोसिस सेंटर भिजवाए गए। नोडल आॅफिसर डॉ. विशाल मेहता ने बताया कि अब तक 15 नमूने लिए है। ये नमूने उदयपुर से जयपुर स्टेट डिजिज डाइग्नोसिस सेंटर और वहां से भोपाल स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हाई सिक्यूरिटी एनीमल डिजिज भोपाल भिजवाए जाएंगे। सुंदनपुर में मृत एक बया में एच-5 स्ट्रैन का पता लगा था। उस क्षेत्र के दो किलोमीटर क्षेत्र में दवा का छिड़काव किया गया। डॉ. मेहता ने बताया कि लोगों काे घबराने की जरूरत नहीं है क्याेंकि एच-5 स्ट्रैन मनुष्य के लिए खतरनाक नहीं है। फिर भी इससे बचने के लिए कोविड 19 की गाइड लाइन का पालन करना चाहिए। उन्हाेंने बताया कि एच-5 एक वायरस है, जिसका संक्रमण संक्रमित पक्षी के खून, स्त्राव, बीट के संपर्क में आने से हाेता है। अभी तक इस वायरस के हवा में फैलने की पुष्टि नहीं हुई है।
कुशलढ़ में मुर्गाे की मौत संक्रमण नहीं
कुशलगढ़| क्षेत्र में खजूरा गांव में शुक्रवार काे 35 मुर्गाें की मौत हो जाने के बाद शनिवार काे पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर गई। नोडल अधिकारी डॉ. केशव राणावत ने बताया कि पशुपालकों से जानकारी ली है। जिसमें सामने आया कि मुर्गियों को दस्त लगने के बाद मौत हुई। क्षेत्र में 15-20 दिन पहले से मुर्गियों के मरने का सिलसिला शुरू हो गया।