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खुले बाजार में गेहूं बेचने पर मजबूर किसान: पहले बारिश से गेहूं खराब, अब सरकार ने खरीद केंद्र भी घटाए

Banswara
खुले बाजार में गेहूं बेचने पर मजबूर किसान: पहले बारिश से गेहूं खराब, अब सरकार ने खरीद केंद्र भी घटाए
@HelloBanswara - Banswara -
जिले में किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए महज 6 खरीद केंद्र ही खाेले जाएंगे। जबकि इससे पहले किसानों की सुविधा काे देखते हुए 11 खरीद केंद्र खाेले गए थे। इस बार एफसीआई की ओर से छींच, बड़ाेदिया, तलवाड़ा और गनाेड़ा केंद्राें पर खरीदी की जाएगी।

वहीं परतापुर, घाटाेल, अरथूना, कुशलगढ़ और आनंदपुरी में इस बार खरीद केंद्र नहीं खाेले गए हैं, इससे यहां के किसानों काे नजदीकी केंद्रों तक जाना पड़ेगा। खास बात यह है कि ये सभी क्षेत्र सिंचित क्षेत्र है। इसी प्रकार राजफेड की ओर से पहले की तरह ही बागीदौरा और बांसवाड़ा में खरीदी की जाएगी।

ऐसे में मार्च में विक्षोभ के कारण बारिश-ओलाें से फसल खराबे की मार झेल रहे किसानों के सामने अब बची फसल काे बेचने काे लेकर भी नई परेशानी खड़ी हाे गई है। किसानों का कहना है कि इस बार पहले ही माैसम ने फसल काे काफी नुकसान पहुंचाया है।

समर्थन मूल्य 2125 रुपए, अप्रैल से शुरू हाेनी है खरीदी

भारत सरकार ने आरएमएस 2023-24 के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है। प्रदेश में काेटा संभाग में 57 केंद्र स्थापित कर 20 मार्च से खरीदी शुरू हाे चुकी है, जबकि शेष जिलाें में 103 केंद्र स्थापित कर 1 अप्रैल से 30 जून तक खरीदी की जाएगी।

प्रदेश में इस बार 286 केंद्र कम खाेले

डिमांड बढ़ी ताे बढ़ सकते हैं केंद्र ^अमूमन खरीद केंद्र कम नहीं करते हैं, लेकिन एेसा नहीं है कि यह परमानेंट है। खरीद केंद्रों पर अगर गेहूं की आवक बढ़ती है और किसानों द्वारा भी किसी केंद्र के लिए मांग आती है ताे सुविधा काे देखते हुए केंद्र रिओपन करते हैं। -पंकज पारख, मंडी सचिव

सेंटर कम हाेने से किसानों काे उठाना पड़ेगा नुकसान

मैंने इस संबंध में कलेक्टर से बात की थी। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया था कि बांसवाड़ा में 11 सेंटर ही खुलेंगे। बरसात की वजह से कई जगह दाने सफेद हाे गए हैं। इससे गुणवत्ता पर असर पड़ता है, जिससे भाव सही नहीं मिलता। ऐसे में कम केंद्र खाेलकर सीधे ताैर पर इसका फायदा व्यापारियों काे हाेगा। माेनाेपाेली करेंगे और छाेटे स्तर पर पैदावार हाेने पर किसानों काे मजबूरी में गेहूं खुले बाजार में बेचना पड़ेगा। कम खरीद केंद्रों काे लेकर किसानों में आक्राेश है। -रणछाेड़ पाटीदार, संभागीय अध्यक्ष, भारतीय किसान संघ

ऐसे में उन किसानों पर आर्थिक बाेझ पड़ेगा जिनकी पैदावार काफी कम है। गेहूं बेचने के लिए किराए का वाहन कर मंडी तक जाने पर उन्हें अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। अतिरिक्त खाद्य आयुक्त कालूराम ने 24 मार्च काे इस संबंध में सभी संभागीय आयुक्त, कलेक्टर और संबंधित अधिकारियों काे खरीदी की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने इस बार पूरे प्रदेश में खरीद केंद्र घटा दिए हैं। पिछले साल प्रदेश में 389 खरीद केंद्रों (काेटा संभाग काे छाेड़ाकर) के मुकाबले इस बार महज 103 खरीद केंद्र ही खाेले जा रहे हैं।

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