Home News Business

यहां 500 से 5 हजार में बनते हैं फर्जी डिग्री, पैन व आधार; पूर्व शिक्षा मंत्री की बीए की मार्कशीट भी बना दी

Rajasthan
यहां 500 से 5 हजार में बनते हैं फर्जी डिग्री, पैन व आधार; पूर्व शिक्षा मंत्री की बीए की मार्कशीट भी बना दी
@HelloBanswara - Rajasthan -
फर्जी डिग्री बनाने के चलते गांव कहलाने लगा 'तिघरिया यूनिवर्सिटी':यहां 500 से 5 हजार में बनते हैं फर्जी डिग्री, पैन व आधार; पूर्व शिक्षा मंत्री की बीए की मार्कशीट भी बना दी

जयपुर लेखक: ओमप्रकाश शर्मा

पड़ताल के दौरान बनाई गई पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की बीए की फर्जी मार्कशीट। - Dainik Bhaskar
पड़ताल के दौरान बनाई गई पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की बीए की फर्जी मार्कशीट।

करौली का तिघरिया गांव। यह गांव यूपी व पूर्वी राजस्थान में तिघरिया यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है। फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह से भास्कर ने 3 हजार रु. में पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की बीए की तीनों ईयर की फर्जी मार्कशीट बनवाईं। इस गांव में फर्जी दस्तावेज बनाने का धंधा गृह उद्योग का रूप ले चुका है। अब तो यहां यूपी से भी लोग फर्जी दस्तावेज बनवाने आ रहे हैं।

यहां किसी भी कॉलेज की ग्रेजुएशन/पीजी की डिग्री, पैनकार्ड, आधार, राशन कार्ड, वोटर आईडी समेत अन्य दस्तावेज बनाए जा रहे। तिघरिया हिंडौन सिटी से 17 किमी दूर है। यहां 600 से ज्यादा घरों में करीब 3500 की आबादी है। भास्कर पड़ताल में सामने आया कि फर्जीवाड़े में युवा गिरोह बनाकर काम कर रहे हैं। इनके घरों में ही सेंटर बने हैं।


गिरोह का सदस्य शिव कुमार बोला; तुम खैरी-खजूरी गांव के हो इसलिए 5 हजार के बजाय 3 हजार में बना देंगे बीए की मार्कशीट
शिव कुमार:
 कहां से आए हो।
भास्कर रिपोर्टर: जयपुर से...। खैरी खजूरी गांव का एक परिचित है, मुझे उसने भेजा है... मार्कशीट बनवानी हैं।

शिव कुमार: किसकी बनवानी है।
रिपोर्टर: मेरा भाई प्राइवेट कंपनी में काम करता है, उसकी बीए की मार्कशीट बनवानी है।

शिव कुमार: बना तो देंगे, लेकिन इनका उपयोग सरकारी नौकरी में मत करना, क्योंकि वहां अब सख्ती हो गई है।
रिपोर्टर: वो तो ठीक है। पर ये बताओ मार्कशीट बनवाने के लिए कितना खर्चा करना पड़ेगा।

शिव कुमार: वैसे हम बीए की मार्कशीट के लिए 5000 रुपए लेते हैं... लेकिन आपने खैरी-खजूरी गांव का नाम लिया है इसलिए 3000 रुपए में बना देंगे। मार्कशीट में सब्जेक्ट कौनसे रखने हैं।

सच जानने के लिए भास्कर रिपोर्टर ने शिवकुमार से वर्तमान शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की बीए की मार्कशीट बनाने के लिए कहा। शिवकुमार ने कल्ला की मार्कशीट बनाने से तो इनकार कर दिया, लेकिन डोटासरा की मार्कशीट बनाने के लिए तैयार हो गया। उसने इसके लिए 3 हजार रु. लिए। इसके बाद शिवकुमार ने डोटासरा की बीए की फर्जी मार्कशीट बनाकर दे दी, जिसमें डोटासरा को करौली के सरकारी कॉलेज से पास होना बताया गया है।

बना बनाया फॉर्मेट होता है, सिर्फ नाम और नंबर बदलते हैं: सहीराम
रिपोर्टर: 
भाई साहब... सेना की डायरी बनवानी है।
सहीराम: तुम्हें मेरे पास किसने भेजा।

रिपोर्टर: विजय ने बोला था गांव में जाकर किसी से भी पूछ लेना सहीराम का घर कौनसा है, कोई भी बता देगा। इसलिए हम पूछते-पूछते आ गए।
सहीराम: बना देंगे। 1 हजार लगेंगे। तुम सेना में हो क्या?

रिपोर्टर: मैं तो नहीं हूं... मेरा एक परिचित है।
सहीराम: पैसे कम नहीं होंगे। यहां आस-पास सेना के कई जवान रहते हैं। जो मुझसे ही अलग-अलग दस्तावेज बनवाकर ले जाते हैं। पहले कई लोग हमसे दस्तावेज लेकर सेना में गए थे। वे किसी की ओरिजनल 10वीं-12वीं की मार्कशीट लाते थे और हम उसमें नाम बदल देते थे।

कम लागत बड़ा मुनाफा

40 हजार से अधिक फर्जी मार्कशीट बनाई जा चुकीं... : 20 सालों में अब तक 40 हजार से अधिक फर्जी मार्कशीट बनाई जा चुकीं। 1 लाख गाड़ियों के भी फर्जी दस्तावेज बनाए जा चुके हैं। एक लाख से अधिक फर्जी आईडी और अन्य दस्तावेज बनाए जा चुके हैं। सेना से जुड़े फर्जी दस्तावेज के एक हजार रुपए लिए जाते हैं।

गाड़ी की आरसी 5000 रुपए में बनाई जाती है : आधार कार्ड, आईडी, सेना की लीव डायरी, राशन कार्ड जैसे दस्तावेज 500 रु. तक में बनाए जाते हैं। आरसी-फिटनेस के 5000 रु. लिए जाते हैं।

शेयर करे

More news

Search
×