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नशे में उत्पातियाें ने अस्पताल में की ताेड़फाेड़, बीपी मशीन से डाॅक्टर का सिर फाेड़ा, कपड़े फाड़े, कर्मियाें काे भी पीटा

Banswara
नशे में उत्पातियाें ने अस्पताल में की ताेड़फाेड़, बीपी मशीन से डाॅक्टर का सिर फाेड़ा, कपड़े फाड़े, कर्मियाें काे भी पीटा
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शांतिभंग में पकड़ा ताे डॉक्टरों ने सेवाएं बंद करने की दी चेतावनी, रात को चिकित्सा सेवा परिचर्या अधिनियम में दर्ज किया केस

अरथूना स्वास्थ्य केंद्र पर बुधवार देर रात नशे में अाए उत्पातियाें ने जमकर ताेड़फाेड़ की अाैर दाे डाॅक्टराें काे बुरी तरह पीटा। डॉक्टर ऋषिकेश मीणा के सिर पर ताे उत्पातियाें ने बीपी जांचने की मशीन दे मारी जिससे वे बेहाेश हाे गए। डॉक्टर निर्मल डाबी के कपड़े फाड़ दिए। उन्हें भागकर जान बचानी पड़ी। उन्हें बचाने के लिए अाए दाे वार्ड बाॅय अाैर एक एंबुलेंसकर्मी के साथ भी मारपीट की गई। विवाद का कारण सामने नहीं अाया, लेकिन बताया जा रहा है कि दवा लेने के बहाने कुछ लोग सीएचसी में घुस गए थे और हंगामा किया। ऊपर क्वार्टर में साेए डाॅ. डाबी ने इमरजेंसी केस समझकर डाॅ. मीणा काे सूचना दी। डाॅक्टर मीणा जैसे ही वहां पहुंचे उत्पाती उन पर टूट पड़े। रात काे पुलिस ने दाे उत्पातियाें काे शांतिभंग में गिरफ्तार किया।उधर, गुरुवार सुबह इस मामले की जानकारी मिलते ही डाॅक्टर्स इकट्टा हाे गए अाैर अाैपचारिकता के लिए शांतिभंग में की गई कार्रवाई पर नाराजगी जताई। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के जिलाध्यक्ष डाॅ. दीपक निनामा ने चेतावनी दी कि अगर शुक्रवार शाम तक उत्पातियों के खिलाफ अधिनियम 2008 के तहत सख्त कार्रवाई नहीं की गई ताे डॉक्टर्स चिकित्सा सेवा बंद देंगे।दरअसल, अरथूना सीएचसी पर रात 11.30 बजे शराब के नशे में कुछ उत्पाती अाए अाैर डॉक्टरों काे गालियां देने लगे। डॉक्टर निर्मल डाबी ने शाेर सुनकर डॉक्टर ऋषिकेश मीणा काे फाेन कर इमरजेंसी हाेने की सूचना दी। इस पर डाॅ. मीणा आउटडोर से अंदर अा ही रहे थे कि उत्पातियों ने उन पर हमला कर दिया। उत्पातियों ने सीएचसी का दरवाजा ताेड़ दिया, सामान बिखेर दिया अाैर ब्लड प्रेशर जांचने की मशीन डाॅ. मीणा के सिर पर दे मारी। इससे वे माैके पर ही बेहोश हा़े गए अाैर टेबल के नीचे की तरफ गिर गए। उत्पातियों ने इसके बाद डाॅ. निर्मल डाबी काे पकड़ लिया। इसी बीच सीएचसी पर कार्यरत एंबुलेंसकर्मी अाैर दाे वार्डबॉय नटवर अाैर लक्ष्मण डॉक्टरों काे बचाने के लिए अाए। उत्पातियों ने उन्हें भी बुरी तरह पीटा। इसी बीच उत्पातियों ने अन्य लाेगाें काे भी बुला लिया। करीब 15 से 20 लाेग एकत्रित हा़े गए अाैर सभी नशे में थे। इस पर डाॅ. डाबी घबरा गए अाैर वहां से भाग गए। डाॅ. डाबी पास ही खंडहर पड़े क्वाटर में जाकर छिप गए, जहां उत्पातियों ने उन्हें ढूंढा लेकिन वे नहीं मिले। इस पर सभी उत्पाती वहां से चले गए। हादसे के बाद डॉक्टर मीणा काे हाेश में लाकर उनकी मरहम पट्टी की गई। डाॅ. मीणा के सिर में छह टांके अाए। इसके बाद डॉक्टरों ने फाेन पर पुलिस काे सूचना दी। इस पर पुलिस माैके पर पहुंची, उत्पातियों में से दाे लाेगाें काे एक वार्डबॉय ने पहचान लिया। इस पर पुलिस ने अाराेपी मनसुख पुत्र हीरालाल कांडोर 50 वर्ष अाैर भवेश पुत्र रमेश माली काे शांतिभंग के अाराेप में गिरफ्तार किया। डाॅ. ऋषिकेश मीणा मूल रूप से कराैली जिले के शेखपुरा गांव के रहने वाले हैं। इधर, पुलिस ने शुक्रवार को दोनों आरोपियों को गढ़ी एसडीएम कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। वहीं डॉक्टरों द्वारा ज्ञापन देने के बाद आरोपियों के खिलाफ मारपीट, राजकार्य में बाधा, राजस्थान चिकित्सा सेवा परिचर्या सेवा कर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था में अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। गौरतलब है कि जिले के सबसे बड़े एमजी अस्पताल में भी डॉक्टरों से मारपीट की गई घटनाएं हो चुकी हैं, इसके बाद डॉक्टरों की मांग पर अस्पताल में ही एक अस्थाई चौकी बनाई गई थी। प्रदेशभर में हुए कई ऐसे मामलों के बाद डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश स्तर पर कमेटी बनाई गई थी। इसके बाद राजस्थान चिकित्सा सेवा परिचर्या अधिनियम 2008 लागू किया गया था। जिसमें डॉक्टरों और नर्सिंगकर्मियों से मारपीट करने पर काफी कड़े कानून बनाए गए हैं।

बेहोश हो गए डॉ. ऋ षिकेश, सिर में आए छह टांके, डॉ. मीणा को भागकर बचानी पड़ी जान

घटनाक्रम की सूचना पर गुरुवार काे सभी डॉक्टर्स एकत्रित हुए अाैर सुबह थानाधिकारी व शाम काे एडीएम काे ज्ञापन दिया। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के जिलाध्यक्ष डाॅ. दीपक निनामा ने कहा कि डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ रात में भी आपात सेवाएं देता है। यदि एेसे में उनके साथ इस तरह की घटना हुई ताे उसके खिलाफ राजस्थान चिकित्सा सेवा परिचर्या 2008 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। इस अधिनियम में यदि काेई चिकित्सा संस्थान, चिकित्सक या राजकीय संपत्ति काे नुकसान पहुंचाता है ताे उसे जमानत नहीं मिलती है। अरथूना में ताे डॉक्टरों पर जानलेवा हमला हुअा है। जबकि जाे लाेग अाए थे, उनके साथ काेई मरीज नहीं था। इसके बावजूद उन्होंने डॉक्टरों के साथ मारपीट की। डाॅ. दीपक निनामा ने कहा कि इस घटना से सभी डॉक्टर्स डरे हुए हैं, कई ताे अब ड्यूटी करने से भी इनकार कर रहे हैं। इसलिए सभी उत्पातियों के खिलाफ अधिनियम 2008 के तहत कार्रवाई हाेनी चाहिए। यदि शुक्रवार शाम तक कार्रवाई नहीं हुई ताे सभी डॉक्टर्स अनवरत रूप से चिकित्सा सेवा बंद देंगे।परतापुर. उत्पातियाें द्वारा ताेड़ा गया अरथूना सीएचसी का दरवाजा।क्या है राजस्थान चिकित्सा सेवा परिचर्या अधिनियम : राजस्थान चिकित्सा सेवा परिचर्या अधिनियम के तहत अस्तपाल की कार्यप्रणाली में रुकावट पैदा करने पर दो साल की सजा, अस्पताल के स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार करने पर दो साल की सजा, नर्सिंगकर्मियों और डॉक्टरों को डराने-धमकाने पर तीन से सात साल की सजा, अस्पताल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर तीन साल की सजा के साथ वसूली भी होती है, अनावश्यक भीड़ अस्पताल परिसर में प्रवेश करती है तो तीन साल की सजा का प्रावधान है और गालीगलौच करने पर सात साल की सजा का प्रावधान है।

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