लाइनमैन को सिटी सैकंड एईएन कार्यालय से 2 हजार रुपए लेते किया ट्रैप
खराब मीटर बदलने की निशुल्क सेवा के बावजूद उपभोक्ता से 2 हजार की रिश्वत ले रहे डिस्कॉम के लाइनमैन को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गुरुवार को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी लाइनमैन गुलाब यादव ने यह रिश्वत सहायक अभियंता कार्यालय शहर द्वितीय में ली। इससे पहले एक हजार लाइनमैन उपभोक्ता के ओजरिया स्थित घर जाकर वसूल लाया था। खराब मीटर बदलने का कोई शुल्क नहीं है। बावजूद लाइनमैन ने 3 हजार रुपए की रिश्वत ली। लाइनमैन गुलाब यादव डेढ़ साल से डिस्कॉम कार्यालय में कार्यरत है। ओजरिया निवासी रमेश गोदा का बिजली का मीटर खराब हो गया था। रमेश ने डिस्कॉम कार्यालय से मीटर बदलने के लिए संपर्क किया। इस पर लाइनमैन गुलाब ने मीटर बदलने के 4 हजार रुपए शुल्क बताया। रमेश की मनुहार पर एक हजार रुपए कम कर दिया। लेकिन, रमेश को यह बात नगवार गुुजरी। उसने 6 जनवरी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कार्यालय में इसकी शिकायत कर दी। इसी दिन सत्यापन के लिए एसीबी ने रमेश से गुलाब को कॉल करवाया। इस पर गुलाब ने ओजरिया जाकर एक हजार रुपए ले लिए। सत्यापन हो जाने पर एसीबी ने गुरुवार को ट्रैप की कार्रवाई की। ब्यूरो के एएसपी माधोसिंह सोढ़ा ने बताया कि रमेश की शिकायत पर गुरुवार को गुलाब को कॉल करवाया। जिस पर उसने रमेश को दो हजार रुपए लेकर हाउसिंग बोर्ड स्थित एईएन कार्यालय द्वितीय बुलाया। दोपहर करीब एक बजे कार्यालय के रूम नंबर 3 में ही गुलाब ने रमेश से 2 हजार की रिश्वत ली। इशारा पाकर गुलाब को गिरफ्तार कर लिया।
30 हजार तनख्वाह फिर भी मांगी रिश्वत : एसीबी की कार्रवाई का पता चलते ही एईएन कार्यालय में हडकंप मच गया। अधिकारियों ने भी मोबाइल स्विच ऑफ कर लिए। इतना ही नहीं, आरोपी गुलाब के बारे विस्तृत जानकारी चाही गई तो अधिकारी टालमटोल करने लगे। गुलाब डेढ़ साल से एईएन कार्यालय में कार्यरत है। करीब 30 हजार मासिक तनख्वाह पाने वाले गुलाब ने निशुल्क सेवा के लिए भी 3 हजार रुपए रिश्वत ली।
34 दिन, 19,500 रुपए रिश्वत और 5 गिरफ्तार
सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार किस कदर फैला हुआ है इसका पता इसी से चल रहा है कि बीते 34 दिनों के भीतर ही एसीबी पुलिस, डिस्कॉम और चिकित्सा विभाग में रिश्वत लेते 5 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिनमें दो हैड कांस्टेबल, डॉक्टर और लैब टेक्नीशियन के अलावा डिस्कॉम से लाइनमैन शामिल है। सभी मामलों में ली गई कुल रिश्वत राशि 19, 500 रुपए, जबकि एक कर्मचारी का मासिक वेतन भी इससे दोगुना है। 6 दिसंबर को घाटोल के बस्सी आड़ा आदर्श पीएचसी प्रभारी डॉक्टर जसवंत और लैब टेक्नीशियन दिनेशचंद्र पीएचसी में साफ-सफाई का प्रमाण पत्र बनाने की एवज में 9 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। 13 दिसंबर को एसीबी ने बाइक चोरी के आरोपी से 7 हजार की रिश्वत लेते कुशलगढ़ चौकी प्रभारी हैड कांस्टेबल बाबर खान को गिरफ्तार किया। 23 दिसंबर को सज्जनगढ़ थाने में कार्यरत हैड कांस्टेबल पर्वतसिंह को मारपीट के एक केस में राजीनामे के बाद भी फरियादी से 500 रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।