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हॉस्पिटल से गायब हुआ कोरोना, जांच में केवल 1 प्रतिशत संक्रमित, ओमिक्रॉन वेरियंट का आंकड़ा शून्य

Banswara
हॉस्पिटल से गायब हुआ कोरोना, जांच में केवल 1 प्रतिशत संक्रमित, ओमिक्रॉन वेरियंट का आंकड़ा शून्य
@HelloBanswara - Banswara -

बांसवाड़ा के लिए अच्छी खबर है। यहां लोगों ने कोरोना की तीसरी लहर को मात दे दी है। वर्तमान में जिला अस्पताल के अलावा CHC व PHC में कोरोना पॉजिटिव रोगी के नाम से कोई भर्ती नहीं है। वहीं जांच में पॉजिटिव लक्षण वाले रोगियों की संख्या का आंकड़ा 1 प्रतिशत से कम पर आ गया है।

ऐसे में स्थानीय चिकित्सा विभाग ने राहत की सांस ली है। लेकिन, मामले में ढिलाई नहीं बरती जा रही है। यहां वर्तमान में प्रतिदिन रैंडम चेकिंग सहित करीब 700 नमूने लिए जा रहे हैं। पॉजिटिव लक्षण वाले रोगियों को सावधानी बरतने को कहा जा रहा है। तीसरी लहर के दौरान एक चीज खास तौर पर सामने आई कि इस बार ICU वार्ड में केवल 1 मरीज ही भर्ती हुआ, जबकि सामान्य कोरोना वार्ड में ऐसे रोगियों की संख्या 30 से ज्यादा नहीं गई। बच्चों के मामले में भी तीसरी लहर की आशंका खतरनाक रूप नहीं ले पाई है।

बांसवाड़ा जिला अस्पताल में कोविड ICU
बांसवाड़ा जिला अस्पताल में कोविड ICU

आंकड़ों से समझें बांसवाड़ा की स्थिति

  • तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका के बीच 100 बच्चों को भर्ती करने की तैयारी की गई। यहां जिला अस्पताल में 20 बेड NICU, 30 बेड PICU और 50 बेड सामान्य वार्ड के लिए तैयार थे। वहीं बड़े मरीजों के लिए 300 बेड का कोविड डेडिकेटेड वार्ड बनाए गए थे।
  • 1300 लीटर प्रति मिनट के हिसाब से ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट तैयार किए गए थे। इनमें 2 प्लांट NHM के खाते से बने थे, जबकि दो प्लांट निजी पार्टियों से डोनेट किए गए थे।
  • कोविड-19 से निपटने के लिए जिला अस्पताल में 25 डॉक्टर और CHC स्तर पर 20 डॉक्टर की स्पेशल टीम बनाई गई थी।
  • जिले में 22 CHC और 56 PHC में मरीजों को ऑक्सीजन जैसी दिक्कत से बचाने के लिए जेनरेशन प्लांट के अलावा 915 कंसनट्रेटर की व्यवस्था की गई थी।
  • कोविड-19 की फर्स्ट लहर में बांसवाड़ा में करीब 150 पॉजीटिव केस सामने आए थे। इनमें केजुएल्टी के नाम पर 12 लोगों की मौत हुई थी।
  • बांसवाड़ा के लिए कोविड की सेकंड लहर खतरनाक थी। यहां 31 दिसम्बर के पहले तक 11 हजार 947 पॉजिटिव केस सामने आए थे। वहीं मौतों का आंकड़ा 129 था।
  • तीसरी लहर के दौरान ओमिक्रॉन वेरियंट वाला एक भी मरीज बांसवाड़ा में सामने नहीं आया। इसकी एक वजह जयपुर भेजी गई जांच का आज तक जवाब नहीं मिला। यहां से ओमिक्रॉन की आशंका वाले करीब 5 सैंपल भेजे गए थे। वेरियंट की जीनोमिक सिक्वेंसिंग का जयपुर से जवाब नहीं मिला।
कोविड वार्ड को पूरी तरह से किया गया सील पैक।
कोविड वार्ड को पूरी तरह से किया गया सील पैक।

तब वैक्सीनेशन के लिए कसी कमर

  • वर्तमान रिपोर्ट के आधार पर बांसवाड़ा में 18 प्लस वाले 13 लाख 51 हजार 501 युवाओं को टीका लगना था। इसके जवाब में विभाग ने 12 लाख 34 हजार 194 टीके लगाए। ये आंकड़ा 91.3 प्रतिशत पर है। वहीं सेकंड डोज वाले लोगों की संख्या 10 लाख 43 हजार 33 है।
  • तीसरी लहर के बीच चिकित्सा विभाग को 15 प्लस वाले 14 लाख 67 हजार 308 बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य मिला, जिसके जवाब में 13 लाख 21 हजार 379 बच्चों को फर्स्ट डोज लगा, जबकि 10 लाख 87 हजार 334 बच्चों को सेकंड डोज लगी।

कोताही नहीं बरतेंगे
जिला अस्पताल के कोविड प्रभारी डॉ. समीर खान ने बताया कि लैब में प्रतिदिन 700 जांच हो रही है। इसके अलावा रैंडम चेकिंग चल रही है, जिसमें पॉजीटिव संक्रमितों की संख्या एक प्रतिशत से कम है।
अच्छी खबर है
जिला अस्पताल के डिप्टी PMO डॉ नंदलाल चरपोटा ने बताया कि वर्तमान के तीसरी लहर को तैयार कोविड डेडिकेटेड वार्ड पूरी तरह खाली हैं। यहां भर्ती मरीजों की संख्या शून्य पर आ गई है। बांसवाड़ा के लिए ये अच्छी खबर है।
तैयारी में कमी नहीं
डिप्टी CMHO डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि तीसरी लहर में बच्चों के इफेक्ट होने की आशंकाएं ज्यादा थी। लेकिन, वैक्सीनेशन सहित अन्य सावधानी से रोगियों की संख्या नहीं के बराबर रही। खास तो केजुएल्टी लगभग शून्य रही।

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