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गणेश घोगरा को कांग्रेस इसलिए आगे लाई, जिससे युवाओं को कंट्रोल कर बीटीपी को रोके : वेलाराम

Banswara
गणेश घोगरा को कांग्रेस इसलिए आगे लाई, जिससे युवाओं को कंट्रोल कर बीटीपी को रोके : वेलाराम
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    यूथ कांग्रेस अध्यक्ष गणेश घोगरा और डूंगरपुर जिलाध्यक्ष दिनेश खोड़निया के बीच चल रही तकरार में अब बीटीपी की एंट्री हो गई है। शनिवार को बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम घोगरा ने जिला पादाधिकिरियों के साथ बांसवाड़ा में प्रेस वार्ता की। प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम ने कहा है कि 70-80 साल से आदिवासियों को दबाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अब युवा नेता बोलने का मौका नहीं चुक रहे हैं। अब रिमोट कंट्रोल से चलने वाले नहीं हैं। इसलिए घोगरा अपनी आवाज उठा रहे हैं।
    प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम ने कहा कि कांग्रेस गणेश घोगरा को इसलिए आगे लाई, जिससे युवाओं को कंट्रोल कर बीटीपी को रोकें, लेकिन गणेश स्वाभिमानी निकले। जो सीधे बात रख रहे हैं। गणेश घोगरा के बीटीपी में शामिल होने के सवाल पर प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम ने कहा कि अभी तक इस पर बात नहीं हुई है, लेकिन कांग्रेस का ड्रामा भी हो सकता है। इसलिए भविष्य में क्या होगा? उसका अभी कह पाना भी ठीक नहीं हैं। इस दौरान उन्होंने भाजपा-कांग्रेस पर बीटीपी तोड़ने का आरोप लगाया है।

    राज्यसभा के लिए एसटी को मिलना चाहिए मौका
    बीटीपी प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम ने कहा कि राज्यसभा के लिए आदिवासी को मौका मिलना चाहिए। चाहे तो एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक को दें दे तो भी हमें कोई दिक्कत नहीं हैं। कांग्रेस-भाजपा अपनी दुकान चला रहे हैं। युवा इस बात को स्वीकार नहीं करेगा। आने वाले चुनावों में आरक्षित सीटों पर बीटीपी वार्ड पंच से लेकर लोकसभा के लिए प्रत्याशी उतारेगी।


    बीटीपी ने अपने ही विधायकों पर सवाल उठाए
    पार्टी प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम ने कहा कि हमारी पार्टी को आदिवासी भाइयों ने चुनाव जीताकर भेजा था। लेकिन पार्टी के बिना इजाजत ही गहलोत सरकार को समर्थन दे दिया। वेलाराम ने कहा कि आज की तारीख में दोनों विधायक गहलोत के पाले में बैठे हैं, आदिवासियों के काम नहीं कर रहे हैं। आदिवासियों के साथ कुठरघात किया है। इसलिए विधायक नई पार्टी लाने की बात कर रहे हैं, क्योंकि लोगों को पता चल गया कि विधायकों ने कुछ गड़बड़ किया है।

    काकरी डूंगरी घटना कांग्रेस की देन, जांच होनी चाहिए
    बीटीपी ने काकरी डूंगरी में हुई घटना को कांग्रेस की देने बताया है। हजारों आदिवासियों के खिलाफ झूठे मुकदमे किए गए हैं। बीटीपी के पदाधिकारियों ने कहा कि एसपी कालूराम को जल्दी हटा दिया। उनकाे डर था कि काकरी डूंगरी घटना का खुलासा कर देंगे तो संकट आ जाएगा। जिसकी भी जांच होनी चाहिए।
    प्रेस वार्ता करते बीटीपी नेता।

    भाजपा-कांग्रेस के विरोधी पार्टी से करेंगे समझौता
    वेलाराम ने कहा कि हम भाजपा-कांग्रेस के विरोध की सभी पार्टियों से ट्राइबल एरिया के बाहर के लिए समझौता करेंगे। अभी तक एपीआई, आरडीएफ और एसडीएफ से गठबंधन हो चुका है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी से भी बात चल रही है। आरक्षित सीटों पर हम चुनाव लड़ेंगे। जो पार्टी से समझौता करेगी, उनकी मदद करेंगे‌।


    विधायक घोगरा लंबी रेस का घोड़ा है, उन्हें लंबा चलना है, मामला निपटा लेंगे : मालवीया
     मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना विधायक घोगरा की व्यक्तिगत राय है, लेकिन मैं आश्वस्त हैं कि घोगरा का इस्तीफा मंजूर नहीं होगा। प्रशासनिक अधिकारियों के संगठन ने लामबंद होकर मामले में मुकदमा दर्ज करवा दिया। विधायक घोगरा को लगा कि प्रशासनिक अधिकारी, जिलाध्यक्ष दिनेश खोड़निया के कहने से ऐसा कर रहे हैं, जबकि ऐसी कोई बात नहीं है। दिनेश खोड़निया को राज्यसभा भेजने को विषय वह आलाकमान तय करेगा। घोगरा ऊर्जावान होने के साथ लंबी रेस के घोड़े हैं। उन्हें अभी बहुत लंबा चलना है। संगठन के स्तर पर इस मामले को निपटा लेंगे। -महेंद्रजीतसिंह मालवीया, जल संसाधन मंत्री

    दिनेश खोड़निया ने विवाद खत्म ही किए, पार्टी को मजबूत कर रहे हैं : मंत्री बामनिया
     घोगरा भावुक व्यक्ति हैं। गरम खून भी हैं। आने वाले समय में उन्हें समझा-बुझा दिया जाएगा। जहां खोड़निया की बात है तो उन्हें 20 साल से जानते हैं। ये जानते हुए कि टीएसपी क्षेत्र में सरपंच से लेकर विधायक और सांसद तक सभी सीटें आरक्षित हैं। बावजूद इसके खोड़निया 24 घंटे पार्टी को समर्पित हैं। खोड़निया ने विवाद खत्म ही किया है। कभी पार्टी को लड़ाने का काम नहीं किया। वह हर हाल में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने में लगे हुए हैं। दोनों नेताओं के बीच आपसी मतभेद हो सकता है, दोनों ही नेता पार्टी को समर्पित हैं। -अर्जुन बामनिया, टीएडी मंत्री

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