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9500 अंकों का स्वच्छता सर्वेक्षण, पीक दिखी तो कटेंगे अंक:दस्तावेज सत्यापन और फीडबैक के अंक घटाए

Banswara
9500 अंकों का स्वच्छता सर्वेक्षण, पीक दिखी तो कटेंगे अंक:दस्तावेज सत्यापन और फीडबैक के अंक घटाए
@HelloBanswara - Banswara -

लेकिन मूल्यांकन के अंक 48 फीसदी किए

स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के लिए केंद्र सरकार ने मानक और कड़े कर दिए हैं। शहर की सफाई के आकलन में इस बार 2000 अंकों का इजाफा करते हुए सर्वेक्षण में नए प्रावधान जोड़े हैं। अब पान गुटखे के पीक के निशानों को भी शहर की स्वच्छता पर बदनुमा दाग माना जाएगा। इससे शहर की रैंकिंग पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। शहर में गुटखा व पान मसाला खाकर यहां-वहां थूकने से बने लाल धब्बों को रेड स्पॉट माना जाएगा। हर एक रेड स्पॉट शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में पीछे धकेल देगा।

अभी वर्ष 2022 के स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजे नहीं आए हैं। इससे पहले 2023 की तैयारियां शुरू हो गई हैं। अब तक स्वच्छता सर्वेक्षण में केवल येलो स्पॉट्स को शामिल किया था। इसके बाद अब रेड स्पॉट को भी शामिल किया है। स्वच्छता की अन्य श्रेणियां भी इसमें जोड़ी हैं। सर्वेक्षण के लिए अंकों का भी नए सिरे से निर्धारण किया है। 2022 में सर्वेक्षण 7500 अंकों में अाैर 2023 में सर्वेक्षण 9500 अंकों के अाधार पर हाेगा। जमीनी परीक्षण के दौरान विशेषज्ञ टीम वास्तविक स्थिति के मूल्यांकन के लिए तीन माध्यमों से जानकारी संग्रहित करेगी। बाद में निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए डेटा व दस्तावेजों को एकत्रित कर विश्लेषण होगा।

3R-रिसाइकल, रीयूज व रिड्यूस सिद्धांत पर हाेगा काम ऐसे होगा 9500 अंकों का बंटवारा सर्विस आधारित प्रोग्रेस 3000 की जगह 4525 अंक सर्टिफिकेशन पर 2250 की जगह 2500 अंक सिटीजन फीडबैक पर 2250 की जगह 2475 अंकों की व्यवस्था की गई है। सर्विस लेवल के 4525 अंक सेग्रीगेटेड कलेक्शन- 1,750 अंक- 39% प्रोसेसिंग अाैर डिस्पाेजल- 1830 अंक- 40% वाटर मैनेजमेंट अाैर सफाई मित्र सुरक्षा- 945 अंक- 21 प्रतिशत

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