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गुजरात से वाहन खरीदे, टैक्स चोरी कर बांसवाड़ा में गाड़ियां में चला रहे, 800 गाड़ियां चिन्हित, अब सीज करेंगे

Banswara
गुजरात से वाहन खरीदे, टैक्स चोरी कर बांसवाड़ा में गाड़ियां में चला रहे, 800 गाड़ियां चिन्हित, अब सीज करेंगे
@HelloBanswara - Banswara -

राजस्थान में 12 और गुजरात में 6 प्रतिशत टैक्स, यहां एक माह ही चला सकते हैं बिना टैक्स
बांसवाड़ा राजस्थान में टैक्स ज्यादा होने के कारण बांसवाड़ा जिले में रहने वाले लोग गुजरात में गाड़ियां खरीदते हैं, क्योंकि यहां पर टैक्स में करीब 6 प्रतिशत का अंतर है, जबकि राजस्थान में गुजरात का दुगुना टैक्स जमा कराना पड़ता है। इस वजह से लोग गुजरात के हिम्मतनगर व अहमदाबाद से वाहन खरीदते हैं ताकि कुछ फायदा हो जाए। अब जिला परिवहन विभाग ने ऐसे वाहन मालिकों को 15 मार्च तक टैक्स भरने पर 80 प्रतिशत छूट दी गई। विभाग ने दूसरे राज्यों से करीब 800 गाड़ियों को चिहित किया गया है, विभाग ने अभी तक 5 करोड़ रुपए की टैक्स वसूली की गई है। बाहरी राज्यों के वाहनों को सीज करने की कार्रवाई भी की जा रही है।

दरअसल, जिले में चिन्हित किए गए वाहनों में बोलेरो, मार्शल, क्रूजर, इको, वेन, कार के वाहन मालिक राजस्थान के निवासी हैं। नियमित रूप से बांसवाड़ा में ही रह रहे हैं। गुजरात से वाहन को खरीद कर जिले में ही वाहन का संचालन कर रहे हैं, लेकिन परिवहन विभाग को एक बार का भी टैक्स जमा नहीं कराया है। दूसरे राज्यों की गाड़ियों से औसतन टैक्स कीमत को देखें तो करीब डेढ़ करोड़ रुपए बताई जा रही है। वाहन मालिक की तरफ से अपना टैक्स भरने पर करीब सवा करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। वहीं विभाग ने अब तक गुजरात से खरीदे वाहनों पर एक बार का टैक्स वसूल कर 5 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त किया है।

यह है नियम: दूसरे प्रदेश से खरीदी गाड़ियां राज्य में एक माह से ज्यादा नहीं चला सकते हैं। परिवहन विभाग के अनुसार दूसरे प्रदेश से वाहन खरीद कर राजस्थान में एक माह से ज्यादा संचालन करने पर राज्य का एक बार का पूरा टैक्स भरना अनिवार्य है, नहीं तो वाहन जब्त किया जा सकता है। यहां का टैक्स भरने के बाद राजस्थान के नंबर जारी होते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर गुजरात से कार खरीदी है, जिसका 8 जरात में 6 प्रतिशत टैक्स भी चुकाया है, लेकिन जब राजस्थान में टैक्स भरना होगा तो यहां वाहन की कैटेगरी के अनुसार 8 से 12 प्रतिशत के बीच पूरा भरना होगा। अगर यही गाड़ियां राजस्थान से खरीदी जाती तो 12 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स बनता है। सबसे खास नात यह है कि यह मामला लंबे समय से चल रहा है, लेकिन वाहनों की जल्दी ट्रेसिंग का कोई तरीका नहीं है।
एमनेस्टी योजना के तहत पूरे टैक्स, चालान बकाया है तो रैसे वाहन मालिकों को 95 प्रतिशत राशि में छूट दी है। वाहन मालिक को 31 मार्च तक ही पुराना बकाया जमा करवाने पर छूट मिलेगी। उसके बाद पूरी राशि जमा करवानी होगी।
हर माह 200- 300 वाहन खरीदे जाते हैं गुजरात से
बांसवाड़ा जिले के गुजरात पड़ोसी है। इसलिए लोगों का आना जाना लगा रहता है। हर साल करीब 200 से 300 वाहन गुजरात के हिम्मतनगर, दाहोद, अहमदाबाद से खरीद कर बांसवाड़ा जिले में आते हैं, क्योंकि गुजरात में वाहन खरीदी पर टैक्स राजस्थान से आधा है। इस कारण कम कीमत के चलते वहां से वाहन खरीदते हैं।

# मार्च में 13 करोड़ रुपए का टारगेट दिया है, जिसमे अभी तक 5 करोड़ की वयली की गई है। बाकी के लिए अभियान चल रहा है। अवैध जीपें. ओवरलोड के चालान मिनी बसें बस, ट्रांसपोर्ट वाहनों के बकाया टैक्स को वसूलने के लिए सीज की कार्रवाई कर रहे हैं। जिन्होंने अस्थाई पता अन्य राज्यों का दे कर अपने वाहन का पंजीयन करवा रखा है। उन पर भी कार्रवाई की जा रही है। - हमेंद्र जोशी; डीटीओ

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