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करीब आठ लाख भारतीयों को कुवैत छोड़ना पड़ सकता है |

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करीब आठ लाख भारतीयों को कुवैत छोड़ना पड़ सकता है |
@HelloBanswara - International -

भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह कुवैत में प्रस्तावित प्रवासी कोटा विधेयक संबंधी घटनाक्रम पर निकटता से नजर रख रहा है। इस विधेयक के तहत खाड़ी देश में विदेशी कामगारों की संख्या में बड़ी कटौती की बात की गई है और इसके लागू होने से कुवैत से बड़ी संख्या में भारतीयों को वापस आना पड़ सकता है। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हाल में टेलीफोन पर हाल में हुई वार्ता के दौरान इस मामले पर चर्चा की गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुवैत में विदेशी कामगारों की संख्या में कटौती संबंधी प्रस्तावित विधेयक यदि कानून बन जाता है, तो करीब आठ लाख भारतीयों को यह खाड़ी देश छोड़ना पड़ सकता है। श्रीवास्तव ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम कुवैत में घटनाक्रमों पर निकटता से नजर रख रहे हैं। भारत और कुवैत के विदेश मंत्रियों के बीच इस मामले पर चर्चा की गई। हमारे बीच बेहद मजबूत गहरे द्विपक्षीय संबंध हैं और लोगों के बीच आपसी संबंध इनका आधार हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुवैत और अन्य खाड़ी क्षेत्रों में भारतीय समुदाय का काफी सम्मान किया जाता है और उनके योगदान को काफी सराहा जाता है।’’ विधेयक के मुताबिक कुवैत की कुल आबादी में भारतीयों की संख्या 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।

 ‘गल्फ न्यूज’ ने एक कुवैती अखबार के हवाले से बताया कि अगर इस कानून को मंजूरी मिल जाती है तो करीब आठ लाख भारतीयों को कुवैत छोड़ना पड़ सकता है, क्योंकि विदेशी नागरिकों में सबसे अधिक तादाद 14.5 लाख भारतीयों की है। तेल की कीमतों में गिरावट और कोरोना वायरस महामारी के चलते विदेशी कामगारों का विरोध बढ़ा है और यहां की विधायिका एवं सरकारी अधिकारी कुवैत से विदेशी कामगारों को कम करने की मांग कर रहे हैं।

खबर के मुताबिक, कुवैत के प्रधानमंत्री शेख सबाह अल खालिद अल सबाह ने पिछले महीने कुल आबादी में विदेशियों की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया था।

(यह आर्टिकल एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड हुआ है।)

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