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बांसवाड़ा काेराेना मुक्त या नजरअंदाजी... डूंगरपुर: 79966 प्रवासी 6260 सैंपल, 325 पाॅजिटिव बांसवाड़ा: 69758 प्रवासी 358 सैंपल, आठ पाॅजिटिव

Banswara
बांसवाड़ा काेराेना मुक्त या नजरअंदाजी... डूंगरपुर: 79966 प्रवासी 6260 सैंपल, 325 पाॅजिटिव बांसवाड़ा: 69758 प्रवासी 358 सैंपल, आठ पाॅजिटिव
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बांसवाड़ा काेराेना मुक्त या नजरअंदाजी... डूंगरपुर: 79966 प्रवासी आए 6260 सैंपल, 325 पाॅजिटिव बांसवाड़ा: 69758 प्रवासी 358 सैंपल, आठ पाॅजिटिव

 


बांसवाड़ा में फिलहाल एक भी ज्ञात काेराेना संक्रमित नहीं है। यह पढ़ने में बहुत सुकून देने वाला है। लेकिन, हकीकत में इसके पीछे एक बड़ी लापरवाही या यू कहे कि नजरअंदाजी छिपाने की बू आ रही है। वह इसलिए कि डूंगरपुर में प्रवासियाें की जांच से काेराेना विस्फाेट हुअा था। जहां 8490 जांचाें में 370 प्रवासी संक्रमित पाए गए थे। इनमें प्रवासियाें के चार हजार से ज्यादा सैंपल लिए गए। यह तब हुअा जब डूंगरपुर प्रशासन ने गंभीरता बरतते हुए ज्यादातर काे सरकारी क्वारेंटाइन सेंटर भेजा अाैर सेंपलिंग कराई। जबकि इससे उलट हमारे यहां ज्यादातर प्रवासियां काे सीधेे बाॅर्डर से ही हाेम क्वारेंटीन भेज दिया गया। जब डूंगरपुर में प्रवासियाें से एकाएक काेराेना विस्फाेट हुअा ताे तब भी बांसवाड़ा प्रशासन अाैर मेडिकल विभाग ने यहां प्रवासियाें की ज्यादा सेंपलिंग ही नहीं कराई, काेराेना में हर पल अलर्ट रहने के बीच यह चाैकाने वाला है। यह हम नहीं बल्कि अांकड़े बता रहे है। हमारे यहां अब तक कुल 2971 सेंपलिंग ही कराई गई है। जबकि बांसवाड़ा में भी 70 हजार के करीब प्रवासी अब तक लाैट चुके हैं। एक मई से अब तक 358 प्रवासियाें के सेंपल लिए गए। इनमें से भी 8 प्रवासी पाॅजिटिव अाए ताे इसके बाद जांच का यह अांकड़ा अागे नहीं बढ़ पाया। जबकि राेजाना बड़ी तादाद में प्रवासी लाैट रहे है। इतना ही नहीं, अब स्वास्थ विभाग की अाेर से जारी बुलेटीन में भी लाैटने वाले प्रवासियाें का अांकड़ा दर्शाना भी बंद कर दिया गया है।

प्रशासन की गंभीरता का पता इसी से चलता है कि डूंगरपुर में 2820 प्रवासियों को सेंटर पर भर्ती किया गया है जबकि हमारे यहां उससे आधे यानी 1353 लोगों को ही सेंटर पर भर्ती किया गया है। उल्टे बांसवाड़ा में पिछले कुछ दिनाें से सेंपलिंग की सख्या भी लगातार घटा दी गई है। एेसे में लाेग इसे लेकर परेशान है कि बाद में प्रदेश के अन्य जिलाें की तरह कहीं यहां भी काेराेना बम ना फट जाए। बांसवाड़ा में कम सेंपलिंग हाेने से अब तक 8 कोरोना प्रवासी संक्रमित मिल पाए है।


 

ऐसे समझे बांसवाड़ा और डूंगरपुर में रोकथाम में अंतर

औसत जांच में डूंगरपुर हमसे दो गुना आगेदोनों जिलों में भौतिक और सामाजिक समानताएं है जनजाति बहुलता होने के कारण बांसवाड़ा और डूंगरपुर में लोग दूसरे राज्यो में पलायन करते है, लेकिन कोरोना महामारी में प्रशासन और चिकित्सा विभाग के रोकथाम के उपाय और व्यवस्थाओं में बड़ा अंतर है। सबसे बड़ी भिन्नता संदिग्धों की जांच में ही नजर आ रही है। डूंगरपुर में प्रतिदिन औसत जांच 250 से 300 लोगों की हो रही है वही बांसवाड़ा में यह औसत 50 से भी नीचे अा गई है। इसमें भी पिछले 3-4 दिनों से जांच में भारी गिरावट दर्ज की गई है।डूंगरपुर 2820 प्रवासी क्वारेंटाइन, यहां 1353दूसरा अंतर प्रवासियो के आने के बाद उन्हें कवारेन्टीन करने में भी नजर आ रहा है। डूंगरपुर में अब तक 2820 प्रवासी कवारेन्टीन सेंटर में भर्ती किए गए है वही बांसवाड़ा में 1353 लोगों को ही चिह्नित कवारेन्टीन सेंटर भेजा गया था। डूंगरपुर में अब तक 9367 सेंपल लिए जा चुके हैं। जिनमें से 6260 सैंपल तो प्रवासियों के ही है। वही इसके विपरीत बांसवाड़ा में चिकित्सा विभाग और प्रशासन से मिले आंकड़ों के अनुसार यहां एक सप्ताह पहले तक 379 प्रवासियों के ही सेम्पल की जांच हाे पाई है।

 

डूंगरपुर में लक्षण नहीं फिर भी सैंपलिंग हमारे यहां यही तर्क देकर सैंपल घटा दिए : हमारे यहां स्वास्थय विभाग अाैर प्रशासन ये तर्क देकर प्रवासियाें की सैंपलिंग कराने में ढिलाई बरती कि ज्यादातर में लक्षण प्रतीत नहीं हाे रहे थे या उनकी ही सेंपलिंग कराई गई, जिनमें लक्षण दिखे। प्रशासन का यह तर्क इसलिए भी सही प्रतीत नहीं हाेता क्याेंकि, डूंगरपुर में लक्षण नहीं दिखने वाले प्रवासियाें की भी सेंपलिंग कराई गई थी, जिनमें से ज्यादातर संक्रमित पाए गए। खुद डूंगरपुर कलेक्टर कानाराम ने भी यह माना कि पाॅजिटिव अाने वाले प्रवासियाें में लक्षण नहीं दिख रहे थे। इसके अलावा अब डूंगरपुर में हाेम क्वारेंटिन में रह रहे लाेगाें की रेंडम सेंपलिंग की जा रही है।

 

आंकड़ों में समझे गणित

डूंगरपुर बांसवाड़ा
कुल प्रवासी 79966 69758
विदेश से लौटे 765 343
सेंटर कवारेन्टीन 2820 1353
पोजीटिव 364 85
सेम्पल 7411 2971
पेंडिंग 668 40

सीएमएचअाे डाॅ. एचएल ताबियार से सवाल-जवाबरिपाेर्टर: बड़ी तादाद में प्रवासी लाैटे है। डूंगरपुर की तुलना में हमारे यहां उनकी सेंपलिंग नहीं हुई?सीएमएचअाे: अाईएलअाई पेशेंट का सेंपल ले रहे हैं। डूंगरपुर में वहां गुजरात का बड़ा बाॅर्डर है। हमारे यहां अाने वालाें की हिस्ट्री ली। उनमें लक्षण नहीं दिखे ताे हाेम क्वारेंटाइन भेजा। कइयाेंं काे सरकारी क्वारेंटाइन में भी भर्ती किया।रिपाेर्टर: प्रवासियाें के कम सेंपलिंग से संक्रमण बढ़ने का खतरा हाे सकता?सीएमएचअाे: एेसा नहीं है। मेडीकल एंड हैल्थ का पूरा विजिलेंस है। एेसी काेई दिक्कत की बात नहीं है। हाेम क्वारेंटाइन में भी प्रवासी अलग रह रहे हैं। लक्षण नहीं है अाैर घर रहेगा ताे मैंटली सेटीस्फेशन रहेगा। मेडीकल टीम अाैर डाॅक्टराें द्वारा एनालिसिस किया जा रहा है।रिपाेर्टर: सैंपलिंग कम क्याें कराई जा रही हैसीएमएचअाे: अावश्यकता अनुसार सेंपल ले रहे हैं। हम चाहे ताे 100-200 सैंपल भी ले ले। लेकिन, लाइन लगाकर सैंपल लेने से काेई फायदा नहीं है।

 

भास्कर रिपोर्ट

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