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एपीओ कर हटाया:निजी ड्राइवर को रखने के लिए सरकारी को लापरवाह बताया

Banswara
एपीओ कर हटाया:निजी ड्राइवर को रखने के लिए सरकारी को लापरवाह बताया
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जिले के परतापुर स्थित ब्लाॅक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में बीसीएमएचओ डाॅ. दीपिका राेत के खिलाफ एक नया मामला सामने आया है, जिसमें उन्होंने नियमों दरकिनार किया है। दरअसल बीसीएमओ कार्यालय में सरकारी गाड़ी के लिए विभाग का सरकारी चालक हाेने के बाद भी उसे हटा दिया गया है और उसके बदले संविदा पर दूसरा ड्राइवर लगाकर सरकारी गाड़ी चलवाई जा रही है। जबकि नियमों के अनुसार सरकारी वाहन सरकारी चालक ही चला सकता है।

बीसीएमओ डाॅ. राेत द्वारा पिछले साल अगस्त में आदेशों की अवहेलना करने का हवाला देकर सरकारी ड्राइवर लक्ष्मण लाल मसार काे सीएमएचओ कार्यालय के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया । अब सवाल ताे उठ रहा है कि बीसीएमओ ने किस आदेश के तहत कार्यमुक्त किया। क्योंकि ड्राइवर की नियुक्ति निदेशालय स्तर से हुई है। ऐसे में नियुक्ति अधिकारी निदेशक ही हाेता है।

ड्राइवर का वेतन आज भी बीसीएमओ कार्यालय से उठाया जा रहा है। दूसरा सवाल यह कि सरकारी ड्राइवर हाेते हुए किस नियमों तहत प्राइवेट ड्राइवर रखा और उसका वेतन किस मद से किया जा रहा है। इस मामले में भास्कर ने सरकारी ड्राइवर लक्ष्मण से बात कि ताे उसने कई गंभीर आराेप डाॅ. दीपिका राेत पर लगाए।

पूरा प्रकरण सस्पेक्टेड लगता है: सीएमएचओ

  • सीएमएचओ डाॅ. एचएल ताबियार ने बताया कि यह पूरा प्रकरण ही सस्पेक्टेड लगता है और कई सवाल भी खड़े हाेते हैं।
  • जब सरकारी गाड़ी का ड्राइवर है, उसकी सैलरी वहां से बन रही है ताे निजी ड्राइवर कैसे लगाया जा सकता है। सरकारी गाड़ी दूसरा काेई चला नहीं सकता।
  • हमने आरबीएसके के तहत गाड़ी विथ ड्राइवर दिए हैं, अगर वाे ड्राइवर काम में लिए जा रहे हैं ताे यह है कि आरबीएसके में काम नहीं हाे रहा है।
  • अगर उन्होंने दूसरा ड्राइवर लगाया है ताे उसका वेतन भुगतान किस मद से हाे रहा है।
  • अगर दूसरा ड्राइवर लगाकर वेतन भी कर रहे हैं ताे उसकी स्वीकृति किसने दी, क्योंकि हमने ताे नहीं दी है।

मुझसे जबरन फर्जी लाॅग बुक और बिलाें पर साइन करवाने का दबाव

वर्तमान में आरसीएचओ की गाड़ी चला रहे ड्राइवर लक्ष्मण मसार ने आरोप लगाया कि मैडम ने मनमर्जी चला रखी है। मुझे कहते हैं कि तुम प्राइवेट गाड़ी चलाओ। डीजल भी निजी चालक भरवाता और लॉगबुक भी वही भरता। हस्ताक्षर मेरे करवाए जाते। लाॅग बुक पर साइन के लिए भी मुझ पर दबाव डालती थीं।

नियम से हटाया: बीसीएमओ

उसे सीएमएचओ कार्यालय में एपीओ किया है। उसके द्वारा लापरवाही बरती जा रही थी। काम की अवहेलना करता था। वर्तमान ड्राइवर प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से लगाया है। -डाॅ. दीपिका राेत, बीसीएमओ परतापुर।

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