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घर वालाें से नाराज किशाेरी रात दाे बजे आत्महत्या करने कागदी पिकअप पर पहुुंची, जिप लाइन संचालक युवकाें ने एक घंटे मॉटिवेट कर उसका विचार बदला

Banswara
घर वालाें से नाराज किशाेरी रात दाे बजे आत्महत्या करने कागदी पिकअप पर पहुुंची, जिप लाइन संचालक युवकाें ने एक घंटे मॉटिवेट कर उसका विचार बदला
@HelloBanswara - Banswara -

हम राेजाना रात करीब 2 बजे जिप लाइन के सामानों की देखरेख के लिए उठते हैं। गुरुवार रात ड्यूटी पर हम रात को पाल पर हम सामान की चेकिंग कर रहे थे। तभी वहां से एक लड़की के रोने की आवाज आने लगी। वह बाेटिंग के लिए बने केबिन के पास बैठी थी। हम राेती हुई लड़की के पास पहंुचे, ताे वह घबरा गई। वह काफी डरी हुई थी। हमने उसे ढाढ़स बंधाते हुए पूछा कि उसके साथ कुछ गलत तो नहीं हुआ। विश्वास में लेकर इतनी देर रात वहां पहुंचने का कारण पूछा। लड़की ने राेते हुए बताया कि उसे घर वालाें ने निकाल दिया है। मां की बचपन में माैत हाे गई थी। पिताजी ने उसे घर से निकाल दिया। मामा-मामी के पास रह रही थी। शाम काे किसी ने मामा काे शिकायत कर दी कि वह किसी के साथ घूम रही थी। गुस्से में मामा ने घर से निकल जाने काे कहा। इसलिए वह घर वालाें से नाराज हाेकर अपनी जान देने के लिए कागदी पिकअप पर पहुंच गई। यह सुनते ही हम मामले की गंभीरता काे समझ गए। किशोरी को समझाया कि भगवान काे मानते हाे ताे आत्महत्या का विचार दिमाग से निकाल दाे। नाराजगी छाेड़ाे। डराे मत। घर वाले अपने हैं, इसलिए टाेकते हैं। गलती हाे गई, स्वीकार कर लाे। घर वाले माफ कर देंगे। करीब एक घंटे तक उसे मॉटिवेट किया और आखिरकार उसकी जिंदगी खत्म हाेने से बचा ली। उसे समझाया कि अचानक गुस्से में किसी भी प्रकार का निर्णय करना गलत है। क्योंकि हमें बाद में हकीकत पता चलती है। वह थोड़ी शांत हुई तो हमारे टिफिन से किशाेरी काे खाना खिलाया। विश्वास में लेकर उसके घर वालों के नंबर लिए। उसे बाताें में लगाए रखा। सुबह पांच बजे पार्षद अरविंद काे फाेन कर इस बारे में बताया। फिर लड़की के परिजनाें काे फाेन किया। घबराए हुए परिजनाें ने किशाेरी काे संभाल कर रखने व कुछ ही देर में वहां पहंुचने की बात कही। साथ में अजीत कुमार सिंह भी था।

सुबह परिजन व लड़की एक दूसरे को देखकर भावुक हो गए
सूचना देने पर किशाेरी के परिजन वहां पहुंच गए। परिजन व किशाेरी एक दूसरे काे देख भावुक हाे गए। कुछ ही देर बाद पार्षद भी माैके पर आ गए। उनके पीछे-पीछे काेतवाली से एएसआई रघुवीरसिंह भी पुलिसकर्मियाें के साथ पहुंच गए। उन्हाेंने भी अपने स्तर पर किशाेरी काे समझाया। साथ ही विश्वास दिलाया कि काेई भी परेशानी हाे तो उन्हें सूचित करना। पुलिस पूरी मदद करेगी। इसके बाद किशाेरी परिजनाें के साथ घर के लिए रवाना हाे गई।




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