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वैक्सीनेशन के बाद सिक्के चिपकने का दावा फेल, पसीने से चिपकते हैं सिक्के

Banswara
वैक्सीनेशन के बाद सिक्के चिपकने का दावा फेल, पसीने से चिपकते हैं सिक्के
@HelloBanswara - Banswara -
देशभर में काेराेना वैक्सीनेशन काे लेकर अफवाहाें का अंबार लगा हुआ है। अब नई अफवाह यह है कि जिन लाेगाें काे वैक्सीन लग गई है, उनमें चुंबकीय शक्ति पैदा हाे रही है। इसी वजह से उनके शरीर पर बर्तन से लेकर सिक्के तक चिपक रहे हैं। दरअसल, देश में महाराष्ट्र और दिल्ली से इस तरह के मामले सामने आए थे। अफवाहाें का दाैर शुरू होने के बाद राजस्थान के काेटा, सीकर और बीकानेर सहित कई शहरों ऐसे मामले आने लगे।

प्रदेश के सबसे बड़े SMS अस्पताल ​​​​​​से 5 डॉक्टरों की एक एक्सपर्ट टीम ने इस दाैरान यह साबित कर दिया कि चुंबकीय शक्ति पैदा होने का दावा पूरी तरह से झूठा है। उन्होंने टीम के सदस्यों के साथ लाइव डेमो भी किया। इसमें उन्होंने टीम के सदस्यों के ऊपर सिक्के और चाबी चिपका कर भी दिखाई। उन्होंने बताया कि किसी के अंदर चुंबकीय शक्ति पैदा हो जाए तो फिर लोहे के चीज उसकी तरफ आएगी, यहां ऐसा कुछ नहीं हो रहा। वैक्सीन से चुंबकीय शक्ति पैदा नहीं हाेती है। उनका यह दावा था कि यदि ऐसी काेई चुंबकीय शक्ति हाेती ताे ग्रेविटी फाेर्स का भी असर हाेता।

बर्तन व सिक्के जैसी चीजें चिपकने का दावा झूठा, काेराेना से वैक्सीन ही बचाएगी
डाॅक्टर की टीम ने न्यूज रूम के साथियाें के साथ भी चुंबकीय शक्ति काे लेकर डेमो किया। परिणाम हैरान करने वाला था, जिन साथियाें को वैक्सीन लगी थी और जिन्हाेंने वैक्सीन नहीं लगाई उनके शरीर पर आसानी से सिक्के चिपक रहे थे। किसी पर चाबी चिपक रही थी। किसी पर अन्य लोहे की चीजें। लेकिन जब शरीर को पोंछो तो चेहरे पर से चिपके सिक्के और लोहे की चीजें नीचे गिरने लगे। टीम ने बताया कि यदि ऐसी काेई चुंबकीय शक्ति हाेती ताे सिक्के भी नीचे नहीं गिरते। दावा था कि पसीने की वजह से ऐसा हुआ है, जाे सामान्य है। इस पूरी पड़ताल में चुंबकीय शक्ति का दावा झूठा निकला। डाॅक्टर्स ने बताया कि वैक्सीन लगवाना बहुत जरूरी है क्याेंकि ये काेराेना से बचने का एकमात्र उपाय है।

एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर्स का पैनल दैनिक भास्कर कार्यालय में पहुंचा।
एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर्स

एक्सपर्ट पैनल का दावा: वैक्सीन और मैग्नेटिक प्राेडक्ट दाेनाें अलग-अलग
एसएमएस अस्पताल के डाॅ. दीपक सतनानी ने बताया कि वैक्सीन आपके शरीर में कोरोना के वायरस काे वीक करती है। यह बीमारी के खिलाफ एंटीबाॅडी बनाता है। एंटीबाॅडी बनती है, वाे एक तरह की प्राेटीन हाेता है। एंटीबाॅडी किसी तरह से चार्ज नहीं हाेती है। इलेक्ट्राेमैग्नेटिक फील्ड बन ही नहीं सकता। वैक्सीन में काेई ऐसी चीज नहीं है कि जो आपके शरीर काे चुंबक बना दे। यह सारी अफवाह है। वैक्सीन के चार ट्रायल हाेते हैं। यह साबित हाे चुका है कि वैक्सीन से काेई मैग्नेटिक फील्ड जनरेट नहीं हाेता है। दुनिया में तो भारत से कई गुणा ज्यादा वैक्सीन लग चुकी है।

डाॅ. चैतन्य ने बताया कि यह पूरी तरह से निराधार है। वैक्सीन से चुंबकीय शक्ति का काेई लेना-देना नहीं है। पीआईबी ने इसकाे लेकर एक आर्टिकल जारी किया, जिसमें इसका भी जिक्र है। डाॅ. प्रणव ने बताया कि वैक्सीन इम्यूनिटी व एंटीबाॅडी डेवलप करती है। डाॅ. हेमेंद्र पाटीदार ने बताया कि पसीने की वजह से ऐसा होता है। वैक्सीन एक बाॅयलाेजिकल प्राेडक्ट है और लोहा एक मैग्नेट है। दाेनाें एक साथ कैसे काम कर सकते हैं। डाॅ. संजू ने बताया कि काेराेना वैक्सीन से जुड़ी यह केवल अफवाह है। यदि पसीना है या फिर ऑयली स्किन है ताे ऐसा हाे सकता है।

पसीने की ग्रंथियाें के साथ अन्य पदार्थ भी निकलते हैं, जिससे कुछ भी आसानी से चिपक जाता है
बीकानेर के हेल्थ ऑफिसर डाॅ. नवल गुप्ता ने बताया कि हमारे शरीर में पसीने के लिए जाे स्वेड ग्लैंड्स यानी पसीने की ग्रंथियां हाेती हैं, उससे पसीने के साथ अन्य पदार्थ बाहर निकलते हैं। जाे सामान्य रूप में चिपचिपा हाेता है और जिस पर आसानी से बहुत कुछ चिपक जाता है, उन्हें यह लगता है कि मैग्नेटिक फील्ड डेवलप हाे गई है।

कोटा में महिला के पसीने के कारण मोबाइल चिपक गया था। ये जांच में आज साबित हुआ है। कल उसने दावा किया था कि वैक्सीन के कारण ऐसा हुआ है।
कोटा में महिला के पसीने के कारण मोबाइल चिपक गया था। ये जांच में आज साबित हुआ है। कल उसने दावा किया था कि वैक्सीन के कारण ऐसा हुआ है।

वैक्सीनेटेड है या नहीं उसके साथ भी यदि करके देखेंगे ताे आसानी से कुछ भी चिपक जाएगा। इसकी भ्रांति दूर करने के कुछ तरीके हैं और वाे यह है कि गीले कपड़े या पानी से साफ करके देखें वह चिपकेगी नहीं, पाउडर लगाकर देखें वह भी नहीं चिपकेगी या फिर हाथ पर काेई चीज रख उसे उल्टा करके रखें ताे वह ग्रेविटी से गिर जाएगी और मैग्नेटिक फील्ड डेवलप हाेगी ताे वह नीचे नहीं गिरेगी। आप लाेग भ्रांतियाें पर विश्वास न करें, साइंस तथ्याें पर आधारित हाेता है। वैक्सीन ही हमें काेराेना से बचाएगा।

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