ठाकुरजी के करवट बदलने के साथ ढोल और वंदना के साथ भाईचारे के साथ निकला जुलुस
Banswara September 21, 2018 ठाकुरजी के करवट बदलने पर देवझूलनी एकादशी पर उन्हें स्नान कराने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस शोभायात्रा में बांसवाडा की करीब 35 मंदिरों से भी भगवान की रेवाड़ियां तैयार की गई और उन्हें शोभायात्रा में शामिल किया गया। सभी रेवाड़ियों को भक्तों ने आकर्षक रूप से सजाया। शोभायात्रा के विभिन्न मार्गों में रहने वाले लोग बाहर अपने घर के सामने भगवान के आने का इंतजार करते रहे। जगह जगह पुष्पमाला और फूलों से वर्षा कर स्वागत सत्कार किया। वहीं श्रद्धालुओं ने रेवाड़ियों में चढ़ावा चढ़ाया। भगवान श्रीकृष्ण के भाई बलराम मल्ल युद्ध में पारंगत थे। इस शोभायात्रा में सबसे आगे अखाड़े चलते रहे है जिसमे सभी अखाड़ों ने अपने अपने करतब दिखाए जिसमे कुछ करतब तो जो दिल दहलाने वाले जैसे थे। मार्ग में पड़ने वाले हर चौराहे पर तलवार, मुद्दल, गुप्पी, गदा चलाने के साथ, सीने पर से बाइक चलाना और बाइक को दो हाथों से उठाना, सर पर नारियल फोड़ना, बाइक उछालना, जमीन से कई ऊपर ऊंचाई पर हैरत अंगेज करतब भी दिखाए जाते हैं। इस यात्रा में मारुति व्यायामशाला, पांडव व्यायामशाला, वनेश्वर व्यायामशाला, पंचमुखी व्यायामशाला, खोड़ियाल व्यायामशाला, पवन पुत्र व्यायामशाला के पहलवान शामिल हुए।
मुस्लिम समाज ने किया रामरेवाड़ियों का स्वागत
मुस्लिम महासभा और मोहल्लेवासियों ने रामरेवाड़ी के अखाड़ों का गुरुवार को स्वागत किया। मुस्लिम महासभा के जिलाध्यक्ष समीर सिंधी ने बताया कि शेर विलास घाटी मोहल्ले पर रामरेवाड़ी अखाड़ों का स्वागत किया। इस मौके पर पुष्पमाला भी पहनाई गई। पंच खिड़की सदर सोयब खान, एडवोकेट इशरत उल्लाह, शाहिद नूर, फैयाज लाला, मुनव्वर खान, नार खान मोहल्ले के गणमान्य लोग मौजूद रहे। वहीं केसरिया हिन्दुस्तान निर्माण के सदस्य भी व्यवस्थाओं में साथ रहे।