Home News Business

बहुआयामी होगा गढ़ी में प्रस्तावित विधिक सेवा शिविर

बहुआयामी होगा गढ़ी में प्रस्तावित विधिक सेवा शिविर
@HelloBanswara - -

Banswara January 23, 2019 - जिला एवं सेशन न्यायाधीश फूलसिंह तोमर ने कहा है कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार 3 फरवरी को गढ़ी मुख्यालय पर प्रस्तावित विधिक सेवा शिविर बहुआयामी होगा, इसमें समाज के कमजोर वर्गों के मध्य विधिक जागरूकता पैदा करने के साथ ही जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी तथा पात्र लोगों को राहत भी प्रदान की जाएगी। 

तोमर मंगलवार को अदालत परिसर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रत्येक छः माह के अंतराल में आयोजित होने वाले इस शिविर के लिए प्रयास किया जा रहा है कि यह औपचारिक ना बनें और इसके माध्यम से अधिकाधिक लोगों को राहत प्राप्त हो। उन्होंने बताया कि इस शिविर में इस अंचल में व्याप्त मौताणा प्रथा, डायन प्रथा के विरूद्ध जनचेतना जाग्रत की जाएगी वहीं बालिका शिक्षिा को प्रोत्साहित करने तथा समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने के लिए भी प्रयास होंगे। इस मौके पर उन्होंने पीड़ितों को दी जाने वाली राहत की योजना व इसके लिए जिला स्तर पर गठित समिति के बारे में जानकारी दी। 
प्रेस कांफ्रेंस में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश देवेन्द्रसिंह भाटी ने विधिक सेवा शिविर के आयोजन के उद्देश्य और राष्ट्रीय लोक अदालत में निर्णित प्रकरणों के बारे में जानकारी दी। 

प्रदर्शनी और रक्तदान शिविर भी:-
जिला एवं सेशन न्यायाधीश तोमर ने बताया कि शिविर में लोक कल्याणकारी योजनाओं और विधिक प्रावधानों की जानकारी देने वाली विभिन्न विभागीय योजनाओं की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही यहां पर रक्तदान शिविर के आयोजन के अलावा विशेष योग्यजनों को मौके पर प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे व दिव्यांगजनों को ट्राईसाईकिल व श्रवणयंत्र वितरण भी प्रस्तावित है।  

लोक अदालत में बांसवाड़ा की ऐतिहासिक उपलब्धि:-
जिला एवं सेशन न्यायाधीश तोमर ने बताया कि 12 जनवरी को बांसवाड़ा में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में ऐतिहासिक उपलब्धियां अर्जित की गई हैं। इसके तहत अभियान रूप में 565 लंबित मामलों का निस्तारण किया गया वहीं 103 प्री लिटिगेशन के प्रकरणों का निस्तारण भी किया गया। उन्होंने बताया कि इस अदालत में विभिन्न प्रकार के प्रकरणों में 5 करोड़ 57 लाख रूपयों का मुआवजा भी दिया गया है। 

‘भांजगड़ा’ के बजाय ‘सामाजिक हमजाण’ शब्द प्रयुक्त करें:
मीडियाकर्मियों से चर्चा करते हुए जिला एवं सेशन न्यायाधीश तोमर ने सुझाव दिया कि पुराने जमाने में समझाईश के रूप में प्रयुक्त होने वाला भांजगड़ा शब्द अब अपनी सकारात्मक छवि को छोड़ चुका है ऐसे में इसके स्थान पर इस अंचल की वागड़ी बोली का ‘सामाजिक हमजाण’ शब्द प्रयुक्त करें ताकि समझाईश की महत्ता बनी रहे। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि मौताणा जैसी कुरीतियों में भी ‘भांजगड़ा’ शब्द को प्रयुक्त किया जा रहा है। मीडियाकर्मियों ने तोमर के इस सुझाव का स्वागत किया। 
 

‘कल्पवृक्ष’ के माध्यम से बताया अपना पर्यावरण प्रेम:-
प्रेस कांफ्रेंस दौरान जिला एवं सेशन न्यायाधीश तोमर ने जिले में कल्पवृक्षों की बहुतायत पर खुशी जताई और पूर्व में ब्यावर में अभियान रूप में कल्पवृक्ष और अन्य वृक्षों के रोपण के कार्यक्रमों के बारे में बताया। उन्होंने कल्पवृक्ष के अनेकों फायदों के बारे में भी जानकारी देते हुए इसके संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रयास करने का आह्वान किया। 

शेयर करे

More news

Search
×