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फिर लौटी उम्मीद : रेल परियोजना का काम फिर शुरू हो सकता है

फिर लौटी उम्मीद : रेल परियोजना का काम फिर शुरू हो सकता है
@HelloBanswara - -

बांसवाड़ा रेल प्रोजेक्ट बंद हो चुका काम फिर से शुरू होने की संभावना बढ़ गई है। राज्य सरकार और रेलवे मंत्रालय ने उत्तर पश्चिम रेलवे से यह जानकारी मांगी है कि इस परियोजना को शुरू करने में लागत कितनी आएगी।

इस संबंध में नए प्रस्ताव 15 दिन में भेजने के निर्देश दिए हैं। ध्यान रहे कि वर्ष 2011 में 2400 करोड़ की लागत से डूंगरपुर-बांसवाड़ा- रतलाम न्यू ब्रॉडगेज रेलवे लाइन का काम शुरू किया था, लेकिन राज्य सरकार ने वर्ष 2017 में इस परियोजना के लिए अवाप्त की जमीन की मुआवजा राशि करीब 20 प्रतिशत नहीं देने के कारण इसका काम 31 मार्च 2017 को बंद कर दिया था। अब वापस राज्य में सरकार बदलते ही इस रेलवे परियोजना का काम फिर से शुरू होने की सुगबुगाहट नजर आ रही है। साथ ही यह जानकारी मांगी है कि इस परियोजना को शुरू करने में संशोधित लागत कितनी होगी।

उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अब मध्यप्रदेश के रतलाम रेलवे स्टेशन स्थित उप मुख्य अभियंता उत्तर पश्चिम रेलवे का स्टाफ उदयपुर रेलवे स्टेशन स्थित उत्तर-पश्चिम रेलवे कार्यालय पहुंचा है, जिसका कारण 15 दिनों में नए प्रस्ताव भिजवाने का दबाव है। जहां उन्होंने अब तक हुए खर्च का आकलन करते हुए और वर्ष 2011 में तय की गई निर्माण लागत 2400 करोड़ की तुलना में अब आठ साल बाद नए सिरे से रेलवे ट्रैक निर्माण का काम शुरू करवाने निर्माण सामग्री की बढ़ी हुई दरों के अनुसार नए सिरे से निर्माण लागत के प्रस्ताव बनाने प्रारंभ कर दिए हैं। उल्लेखनीय है कि टोंक और बांसवाड़ा जिले में रेलवे ट्रैक निर्माण के मामले में एक जैसी ही समस्या है। टोंक उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का निर्वाचन क्षेत्र है और बांसवाड़ा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने पूर्व कार्यकाल में

पहले ही रेलवे परियोजना का निर्माण कार्य प्रारंभ करवा चुके थे। 
 हां इस मामले में उच्चाधिकारियों ने हमें फिर से नया एस्टीमेट बनाकर अनुमानित निर्माण लागत संबंधी प्रस्ताव भिजवाने को कहा है। इस मामले में जमीन राजस्थान सरकार को ही एमओयू के अनुसार उपलब्ध करवानी है और लागत का आधा हिस्सा भी उसे वहन करना है। वाईके अग्रवाल, उप मुख्य अभियंता उत्तर पश्चिम रेलवे रतलाम

लोकसभा चुनाव के कारण कुछ होने की उम्मीद 
इस रेलवे परियोजना के आगामी लोकसभा चुनाव के कारण फिर से शुरू होने के आसार बने हुए हैं, जिसका कारण रेलवे परियोजना निर्माण का श्रेय लेने को लेकर राजनीतिक खींचतान भी जारी है, जिससे पहले ये मामला उलझा था लेकिन अब लोकसभा चुनाव में रेल का मुद्दा फिर से गरमा गया है, ऐसे मेें अब इस मामले में केंद्र सरकार और राज्य सरकार कुछ निर्णयात्मक कदम उठा सकती है। 

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