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विश्व हिन्दी दिवस पर बज़्मे सूफी कल्चर की गोष्ठी हुआ आयोजन

विश्व हिन्दी दिवस पर बज़्मे सूफी कल्चर की गोष्ठी हुआ आयोजन
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Banswara January 10, 2019 - विश्व हिन्दी दिवस प्रसंगार्थ बज्मे सूफी कल्चर के तत्वावधान में दाहोद मार्ग स्थित श्रीराज आर्ट्स सेंटर पर साहित्यकार स्नेह मिलन का आयोजन हुआ। गीतकार विपिन वत्सल सागवाड़ा के मुख्य आतिथ्य, युवा शिक्षाविद् विरेन्द्र सिंह राव की अध्यक्षता एवं समाज सेवी बबलू खान के विशिष्ठ आतिथ्य में हिन्दी भाषा संरक्षण-संवर्द्धन और उत्तरोत्तर विकास पर चिंतन - मनन के साथ ही काव्य गोष्ठी सम्पन्न हुई।

गोष्ठी के शुभारम्भ में बज्मे सूफी कल्चर संयोजक सिराज नूर चिश्ती ने अतिथियों का माल्यार्पण करते हुए स्वागत उदबोधन दिया। शायर वसी सिद्दीकी ने हिन्दी - उर्दू  बहनापे पर नज्म प्रस्तुत की। भँवर गर्ग ने मुक्तक, गायक विरेन्द्र सिंह राव ने ‘गुरु नमन’ गीत, भँवर लाल गर्ग ने मुक्तक, विपिन वत्सल ने शायर सूफी बिस्मिल नक्शबन्दी की गज़ल पृष्ठभूमि पर हिन्दी वन्दन गीत और सिराज नूर ने भाषाई समरसता के मद्देनजर अशआर अदायगी की।

आचार्य का किया अभिनन्दन -
इस अवसर पर हाल ही में देश की राजधानी नई दिल्ली से तीन दिवसीय साहित्यिक यात्रा से लौटे अँचल के वरिष्ठ साहित्यकार जीजीटीयू कुलगीत रचयिता हरीश आचार्य का बज्मे सूफी कल्चर की ओर से अभिनन्दन किया गया।  ‘अब क्यूँ कर पढ़े कबीरा ढाई आखर की किताब, यहाँ रिश्ते नाते भी हिसाब पै आ गए’ जैसी भावाभिव्यक्ति करते हुए साहित्यकार हरीश आचार्य ने साहित्य अकादमी राष्ट्रीय संस्थान और विश्व पुस्तक मेला अवलोकन के साथ ही उपन्यास, कहानी और गजल विधा निष्णातों तथा फिल्म निर्देशन और टीवी चैनल से जुड़ी हस्तियों से हुई मुलाकातों के रोचक संस्मरण भी साझा किए।

श्याम-अश्याम के साहित्यिक योगदान को किया याद -
समारोह में जिले के वरिष्ठ साहित्यिकार स्व. श्याम-अश्याम की जयन्ती (10 जनवरी) के अवसर पर हिन्दी जगत को उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए स्मरण किया गया। कार्यक्रम में कहा किया कि श्याम-अश्याम की उल्लेखनीय भूमिका के लिए सदा याद किया जाएगा। समारोह का संचालन भँवर गर्ग ने किया जबकि संयोजक सिराज नूर चिश्ती ने आभार ज्ञापित किया।

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