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केंद्र की तरह राजस्थान सरकार भी देगी दिव्यांगों को चार प्रतिशत आरक्षण का हक

केंद्र की तरह राजस्थान सरकार भी देगी दिव्यांगों को चार प्रतिशत आरक्षण का हक
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केंद्र की तरह राजस्थान सरकार भी देगी दिव्यांगों को चार प्रतिशत आरक्षण का हक  Four percent reservation to the divyang s

State August 16, 2017 - रास्थान के हर वर्ग और तबके की सोचकर विकास करने वाली राजस्थान सरकार अब केंद्र सरकार की एक योजना का अनुसरण कर राज्य के दिव्यांगों को लाभान्वित करने जा रही है। भारत सरकार केंद्रीय भर्तियों व प्रवेशों में दिव्यांगों को 4 प्रतिशत लाभ देती है। इसी तरह अब राजस्थान सरकार भी प्रदेश के दिव्यांगजनों को चार फीसदी आरक्षण का लाभ देगी। कल शुक्रवार को प्रदेश के शासन सचिवालय में हुई बैठक में इस बात पर विमर्श हुआ।
राज्य के सभी विभागों में दिव्यांगजनों को मिलेगी सुविधाएं
सचिवालय में हुई इस बैठक में राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव अशोक जैन ने अध्यक्षता की। इस बैठक में राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों ने यह मुद्दा उठाया कि प्रदेश के दिव्यांगों को भी सरकारी सेवाओं व अन्य सुविधाओं में भारत की केंद्रीय सरकार द्वारा दिए जा रहे 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए। इस बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि राज्य में सभी सरकारी भवनों में दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। इसके अंतर्गत इन भवनों में दिव्यांगों के अनुकूल जाने-आने की व्यवस्था हो।
सीढ़ियों के साथ ही ढलान मार्ग भी बनाए जाए। इस बैठक में दिए गए सुझावों के बाद राज्य के सीएस अशोक जैन ने समस्त विभागों में दिव्यांगों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभागों में निर्देशों की पालना रिपोर्ट तत्काल भिजवाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने  उच्च शिक्षा, उद्योग, राजस्व, नगरीय विकास, गृह विभाग, सामान्य प्रशासन, सार्वजनिक निर्माण, कार्मिक विभाग, श्रम एवं रोजगार विभाग, माध्यमिक शिक्षा, आपदा प्रबंधन, राजस्थान लोक सेवा आयोग,चिकित्सा विभाग, उद्योग विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभागों के अधिकारियों से जानकारी ली कि विभागीय स्तर पर दिव्यांगों के अनुकूल क्या नीतियां बनाई गई और क्या कार्य किए गए।
प्रदेश में 21 श्रेणियां है दिव्यांगजनों की
इस बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी.मोहन्ती ने कहा कि प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के अनुकूल माहौल बनाया है। सरकार की कार्यनीतियों से दिव्यांगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। गोरतलब है कि पहले जहाँ अंधता, अल्प दृष्टि, सुनने में असक्षमता, चलने में असमर्थता, मानसिक रोग से पीड़ित, मानसिक रूप से विमंदित एवं कुष्ठ रोग पीड़ित को ही विकलांगता की श्रेणी में माना जाता था। लेकिन अब राजस्थान सरकार की मुखिया वसुंधरा राजे ने विकलांगता की सरकारी श्रेणियों में विस्तार कर इसे 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया है। अब कम लम्बाई (बौनापन), बौद्धिक अक्षमता, स्वलीनता, सेरेब्रल पाल्सी, मांसपेशी दुर्विकास, क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन, स्पेसिफिक लर्निंग डिसेबिलिटी, मल्टीपल क्लोरोसिस, वाक् भाषा निशक्तता, थैलीसिमिया, हीमोफीलिया, सिकल सेल एनीमिया डिजीज, बहु निशक्तता, तेजाब हमले से पीड़ित एवं पार्किंसंस रोग से पीड़ित को भी विकलांगता की श्रेणी में शामिल किया गया है। इस तरह अब सरकार दिव्यांगता की 7 के स्थान पर 21 श्रेणियों में सम्मिलित लोगों को अपनी योजना का लाभ पहुंचाएगी।

 

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