ख्यातनाम लोकगायक ममे खां बांसवाड़ा पहुंचे कहा - पर्यटन दृष्टि से बांसवाड़ा में अपार संभावनाएं
Banswara June 10, 2019 - चौधरी शीर्षक से ‘लुक छिप ना जावो जी, मने दीद करावो जी...’ बॉलीवुड की कई फिल्मों में अपनी गायकी से धूम मचा चुके अन्तर्राष्ट्रीय लोकगायक ममे खां रविवार को बांसवाड़ा की एकदिवसीय यात्रा पर पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने जिला कलक्टर आशीष गुप्ता, बांसवाड़ा पर्यटन उन्नयन समिति संरक्षक जगमालसिंह से मुलाकात की तथा बांसवाड़ा जिले के पर्यटन दृष्टि से विकास की अपार संभावनाओं पर विचार व्यक्त किए। कलक्टर ने ममे खां को जिले में आयोजित होने वाले अरथूना-माही महोत्सव और अन्य आयोजनों के बारे में जानकारी देते हुए इनको बेहतर बनाने के लिए स्तरीय कलाकारों को प्रस्तावित करने की बात कही तथा सुझाव मांगे। ममे खां ने अरथूना-माही महोत्सव के तहत शास्त्रीय के साथ-साथ लोकनृत्य व लोकसंगीत को अधिकाधिक शामिल करने की बात कही तथा इसमें फूड फेस्टिवल और गायन-वादन प्रतियोगिताओं के आयोजन की बात कही।
लोककलाओं में है सम्मोहन की क्षमता:
म्यूजि़क डायमंड ऑफ राजस्थान अवार्ड से सम्मानित ममे खां ने कहा कि राजस्थान की लोक कलाओं में सम्मोहन की क्षमता है, ऐसे में इनको बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने जिले में लोक कलाओं की स्थिति पर भी जानकारी ली तथा इसे प्रोत्साहित करने को कहा।
अद्भुत है आईलेण्ड्स और बोटिंग:
ममे खां को जब अरथूना-माही महोत्सव के तहत नौकायन प्रतियोगिता और यहां होने वाली बोटिंग के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि यह तो अद्भुत और आश्चर्यजनक है और यहां केरल जैसी स्थितियां है। उन्होंने सिटी ऑफ हण्ड्रेड आईलेण्ड्स के प्रसिद्ध बांसवाड़ा में टापूओं व हरियाली की स्थितियों पर उन्होंने कहा कि इनती अपार संभावनाओं के बावजूद बांसवाड़ा का पर्यटन पीछे क्यों है,यह आश्चर्यजनक है। उन्होंने बांसवाड़ा को पर्यटन दृष्टि से विकसित करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। इस मौके पर जनसंपर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा, हरिप्रेम फिल्म्स के नितीन समाधिया, महेन्द्र समाधिया और अन्य लोग मौजूद थे।
‘बन्नी सा’ गीत की शूटिंग में लिया हिस्सा:
इससे पूर्व अलसुबह ममे खां ने हरिप्रेम फिल्म्स के नितीन समाधिया के निर्देशन में तैयार किए जा रहे ‘बन्नी सा’ शीर्षक से राजस्थानी विडियोगीत के लिए शूटिंग में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि ‘सतरंगी राजस्थान’ गीत पर 8 मिलीयन लाईक्स हासिल कर चुके गीत की सफलता के बाद उनकी स्वयं की ईच्छा पर इस नए गीत का निर्माण किया जा रहा है और इसे भी उसी तरह की सफलता मिलेगी।
बांसवाड़ा के लिए चार पंक्तियों में गाया मांड:
एक दिवसीय यात्रा पर पहुंचे ममे खां बांसवाड़ा के नैसर्गिक सौंदर्य को देखकर बेहद अभिभूत दिखे और इसके पर्यटन विकास की दृष्टि से अपनी तरफ से हरसंभव सहयोग दिया। इस मौके पर उन्होंने पर्यटन उन्नयन समिति सदस्यों की मांग पर बांसवाड़ा की विशेषता को दर्शाने वाली चार पंक्तियां ‘ माही रो पानी जठे और मावजी धाम, संप सभा रो जागरण, म्हारो वालो वागड़ गाम’ को अपने आकर्षक अंदाज में मांड शैली में गाया और बांसवाड़ा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।