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अवैध तरीके से बांसवाड़ा में बजरी लाने पर 11 वाहन मालिकों के खिलाफ केस

अवैध तरीके से बांसवाड़ा में बजरी लाने पर 11 वाहन मालिकों के खिलाफ केस
@HelloBanswara - -

पड़ोसी गुजरात इलाके की रॉयल्टी की आड़ में बांसवाड़ा बजरी की तस्करी पर खान विभाग ने गुरुवार को एक और बड़ा कदम उठाते हुए 11 ट्रक मालिकों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। ये वही ट्रक मालिक है जिनकी ट्रक को सल्लोपाट पुलिस ने 31 जुलाई की रात को नाकाबंदी के दौरान जब्त की थी। खान विभाग ने मौका पंचनामा बनाने के बाद 6 अगस्त को सभी वाहन मालिकों को नोटिस जारी किया था। लेकिन महज 1 वाहन मालिक को छोड़ किसी ने बजरी के परिवहन संबंधी वैध दस्तावेज पेश नहीं किया।  

इस पर खान अधिकारी ने गुरुवार को राजस्थान में वैध तरीके से बजरी का निगर्मन नहीं होना पाया जाने पर राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली, 2017 के नियम 54 और 60 का उल्लंघन मानते हुए एमएमडीआर एक्ट, 1957 की धारा 4/21 के तहत प्रकरण दर्ज कराया है। खान विभाग के अनुसार वहीं एक वाहन मालिक गोधरा पंचमहल के रीतादेवी पत्नी राजेश कुमार जैन की ओर से 13 अगस्त को जवाब पेश किया गया। जिसमें गुजरात माइनिंग विभाग की ओर से रॉयल्टी जारी की गई है लेकिन इसका गन्तव्य स्थान गुजरात के फतेहपुरा तक वैध है। जबकि राजस्थान में उक्त रॉयल्टी वैध नहीं है। ऐसे में इस जब्त ट्रक को भी रिलीज नहीं किया गया। गौरतलब है कि दैनिक भास्कर ने राजस्थान में बजरी खनन पर रोक के बावजूद गुजरात की आड़ में बजरी माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से बजरी तस्करी का समाचार श्रृंखला के जरिये खुलासा किया था। जिसके बाद एक ही दिन में नाकाबंदी कर बजरी से भरे 23 ट्रक, 6 डंपर और 7 ट्रैक्टर जब्त किए थे।  

इन ट्रक मालिकों के खिलाफ केस: सल्लोपाट थानाधिकारी कपिल पाटीदार ने बताया कि खान विभाग की रिपोर्ट पर ट्रक मालिक झालोद निवासी आरीफ भाई कासम, इम्तियाज लीमडीवाल, बिल्लुलाल लबाना, फैयाज शेख, मोहनिश पंचाल, दिनेश पटेल, मोडासा के नरेश कलाल, मालपुर निवासी आबिद खान पठान, रिजवान फकीरा के अलावा बांसवाड़ा के केवड़ा अरोर निवासी मणीलाल बामनिया के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।  

अवैध वसूली पर खनि अधिकारी ने साधी चुप्पी  
इधर, खनि विभाग की ओर से बजरी के अवैध खनन और तस्करी को रोकने के लिए बनाई गई टीम के ही एक चपरासी के अवैध वसूली के खुलासे पर 25 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की है। जबकि विभाग के ही चपरासी तकतसिंह स्टिंग ऑपरेशन में 2 हजार रुपए रिश्वत लेते दिखाई दिए थे। यह रिश्वत बजरी से भरे ट्रैक्टर नहीं पकड़ने की एवज में वसूली गई थी। इस खुलासे के बाद खनि अभियंता राजेश हाडा ने औपचारिकता के लिए चपरासी को केवल टीम से हटा दिया। जबकि इतने दिन बाद भी खनि अभियंता मामले की जांच कराने को लेकर टालमटोल रवैया अपना रहे है। इस संबंध में जब उसने बात की तो बताया कि नोटिस देकर जवाब मांगा है। लेकिन, जब समयावधि पूछी तो बताया कि 7 दिन में तकतसिंह से जवाब मांगा है जबकि मामला सामने आने के 25 दिन गुजर चुके हैै।  

By Bhaskar

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