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उपाध्याय पार्क में मनाई भगवान बिरसा मुंडा की 147 वीं जयंती।

Banswara
उपाध्याय पार्क में मनाई भगवान बिरसा मुंडा की 147 वीं जयंती।
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15 नवंबर 2022 मंगलवार को ट्राइबल केअर सेवा संस्थान, बांसवाड़ा ने उपाध्याय पार्क में मनाई क्रांतिवीर भगवान बिरसा मुंडा की 147 वीं जयंती।
“धरती आबा” क्रांतिवीर भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर पर माल्यार्पण के बाद उपस्थित संस्थान के सदस्यों ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “धरती आबा” क्रांतिवीर भगवान बिरसा मुंडा का आदर्शपूर्ण जीवन संघर्ष, शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है। उन्होंने निःस्वार्थ भाव से देश व समाज के सशक्तिकरण के लिए कार्य कर समाज व देश को एक नयी दिशा दिखाई और अपनी क्रांतिकारी सोच से अंग्रेजों के विरुद्ध अपना मोर्चा संभाला

बिरसा मुंडा एक ऐसे जननायक थे जिन्होंने अपने अथक परिश्रम और क्रांतिकारी विचारों से आदिवासी समाज के उत्थान व उनके सशक्तिकरण के लिए भगीरथ प्रयास किये। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ “उलगुलान” जैसे एक ऐतिहासिक आंदोलन की शुरुआत की, जल-जंगल-ज़मीन पर आदिवासियों के अधिकार वापसी के प्रयासों के लिए वह एक “धरती आबा” के नाम से विख्यात हुए। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में महान क्रांतिवीर बिरसा मुंडा को भगवान का अवतार माना गया है। भगवान बिरसा मुंडा ने स्वाधीनता के लिए नारा दिया था 'अबुआ दिशुम-अबुआ राज' यानी 'अपना देश-अपना राज'। भगवान बिरसा मुंडा एक राष्ट्रीय नायक थे जिनका प्रभाव मध्यप्रदेश, झारखंड, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे राज्यों में भी था। स्वराज के लिए उन्होंने “उलगुलान” (भारी कोहराम) आंदोलन प्रारंभ किया। स्वराज्य की रक्षा के लिए वे आजीवन संघर्षरत रहे। और अपने धर्म, संस्कृति व जल-जंगल-ज़मीन की रक्षा के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध बिगुल फूंकने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस अवसर पर संजय गरासिया, गौतमलाल ताबियार, नरेन्द्र पारगी, कैलाश चरपोटा, असिस्टेंट प्रोफेसर कन्हैयालाल खांट, खेमराज हुवोर, मिलन चरपोटा, हितेश सोलंकी, संजय रावत, दिनेश डिण्डोर, हरचंद खड़िया व युवा राहुल भूरिया मौजूद रहे

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