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तीसरा मोर्चा दक्षिण से दिल्ली तक का सफर कर पायेगा?

तीसरा मोर्चा दक्षिण से दिल्ली तक का सफर कर पायेगा?
@HelloBanswara - -

Banswara March 09, 2018 - तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने बीजेपी ओर कांग्रेस से अलग गुणात्मक राजनीति करने के लिए सभी दलो से साथ आने को आह्वान किया है। उनकी इस पुकार को ममता बनर्जी ने भी सुन ही लिया ओर भरोसा दिलाया है कि वह ऐसे प्रयोग मे उनके साथ है। ये बात बीजेपी के विजय रथ यात्रा को इसलिए भी झटका हो सकता है क्योंकि दक्षिण भारत मे लोकसभा सीटो पर क्षेत्रीय दल का आज भी अच्छा खासा प्रभाव है। तमिलनाडु , आंध्र प्रदेश, केरल के साथ अगर बंगाल ओर बिहार जैसे राज्यो को जोड़ा जाये तो ये आंकड़ा बीजेपी की नींद उड़ा देने वाला है। ऐसे मे तीसरे मोर्चे की सम्भावना से इंकार नही किया जा सकता। शिवसेना के एनडीए से अलग होने के बाद चन्द्रशेखर का हाल ही का बयान बीजेपी के लिए खतरे की घण्टी साबित हो सकता है। उत्तर पूर्व के राज्यो के चुनावी परिणाम का असर विपक्ष को सोचने पर ही मजबूर नही कर रहा बल्कि उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रो मे धूर विरोधी क्षेत्रीय दलो को भी साथ आने का कारण दे रहा है। मोदी की आज की लोकप्रियता की एक वजह ये भी है कि उनके सामने मजबूत विपक्षी उम्मीदवार नही है। 4 साल के कार्यकाल पर गुस्सा निकालते हुए राव ये भी कह गए कि अब बार बार गुस्सा होकर कभी बीजेपी कभी कांग्रेस को चुनने की बजाय गुणात्मक राजनीति पर ध्यान देना होगा। ये बयान अपने आप मे काफी मायने रखता है।

एक कारण यह भी है कि एनडीए के साझीदार मोदी के नेतृत्व मे खुद को बोना पाते हुए गठबंधन मे असहजहसूस कर रहे है। उनकी यही असहजता सबको साथ आकर बीजेपी के खिलाफ जाने के लिए मजबूर कर रही है। अमित शाह का संगठन ये भी जानता है कि अगर 2919 मे 230 सीट से ऊपर नही जा पाए तो दिल्ली की सीट पर काबिज रहना मुश्किल होगा। ऐसे मे अगर क्षेत्रीय दल कुछ अच्छा प्रदर्शन करती है ओर कांग्रेस अपनी सीट मे इजाफा कर पाती है तो 2019 का सफर बीजेपी के लिए आसान नही होगा।

- गौरव द्विवेदी 
MA ( राजनीति एवम् अंतराष्ट्रीय सम्बन्ध) उम्र 21 साल

 

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