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सच तो सच है साहब, जो गलत है वो गलत हैं

सच तो सच है साहब, जो गलत है वो गलत हैं
@HelloBanswara - -

सच तो सच है साहब, जो गलत है वो गलत हैं  (The truth is true, wrong is wrong)


Article April 18, 2017 इन दिनों जो हमारे देश में जो माहौल बन रहा है वह ठीक वैसा है जैसा अंग्रजों की गुलामी के बाद बंटवारे की वक्त का था। अभिव्यक्ति के नाम पर देश में जिस तरह से जो हालात पैदा हो रहे हैं, उससे तो यह साफ है कि अगर अब भी कड़े कानून नहीं बनाए गए। तो वो दिन दूर नहीं जब फिर से हिन्दू मुस्लिम जिस तरह झेलम नदी के किनारे खून की नदियां बही थी वैसे ही हालात पूरे देश में बन सकता है और कश्मीर में तो रोज ये हो भी रहा है सैनिकों पर पथराव का कौन जिमेदार हैं, कोई नहीं बता सकता पर कोई जिमेदार उसे रोक जरूर सकता है। अब इसमें सता का मोह आड़े आ रहा है या सीमा पार की धमकियां। ये तो हम तय नहीं कर सकते पर जिस तरह से पहले महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश फिर तीन तलाक और अब सोनू निगम के बयान से जो माहौल बना है। वह जबरन तूल पकड़ रहा है। तीन तलाक तो समाज की कुरीति है और उसे बंद करना तो जरुरी है। जब हिन्दू समाज में भी सती प्रथा विधवा विवाह जैसी कुरीतियों को ख़त्म किया गया था तब तो किसी ने कुछ नहीं कहा ना न्याय पालिका का फैसला सर्वमान्य होता है। जब उन प्रथा पर भी देश की जनता ने न्याय का सम्मान किया है तो इसमें भी करेगी। तो इस बात को ले कर क्यों देश में माहौल बनाया जा रहा है। देश विकास चाहता है तरक्की चाहता है तो क्यों चंद सत्ताधारी लोग और झूठे धर्म के ठेकेदारों को टीवी चैनल पर बिठा कर बेवजह डेढ़ की जनता को गुमराह किया जा रहा है। कुरीतियां कुरीतियां ही होती हैं चाहे वो हिन्दू समाज की हो या मुस्लिम की और वे ख़त्म होनी भी चाहिए। अब रही सोनू निगम के बयान की बात तो हर व्यक्ति की अपनी सोच होती है कोई आस्तिक होता है कोई नास्तिक कोई किसी धर्म को मानता है और कोई किसी धर्म को। हर व्यक्ति की अपनी सोच हो सकती है। ठीक है उन्हें नहीं पसंद है अज़ान का इतना जोर से बजना आज हर शहर की हर माजिद की मीनारों पर लाऊड स्पीकर लगा दिए हैं। खुदा मन की सुनता है और दिलवालों की फरियाद पूरी करता है लाऊड स्पीकर की किसी भी धर्म का भगवन नहीं सुनता है। तो इस बात पर बहस करने से बेहतर सोचने की जरुरत है।

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